हांगकांग, रायटर। लोकतंत्र के समर्थन में हांगकांग के दर्जन भर से ज्यादा शिक्षण संस्थानों के परिसरों में पोस्टर लगाए गए हैं। इसमें चीन पर लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने का आरोप लगाया गया है। ऐसे में हांगकांग में फिर राजनीतिक माहौल गरम हो सकता है।
'एक देश, दो प्रणाली' सिद्धांत के आधार पर ब्रिटेन ने वर्ष 1997 में हांगकांग को चीन को सौंपा था। सात विश्वविद्यालयों के नोटिस बोर्ड पर चीन से स्वतंत्रता हासिल करने की वकालत की गई है। लोकतंत्र समर्थकों ने कुछ भवनों पर बड़े-बड़े काले बैनर लगा दिए हैं। हांगकांग की नेता कैरी लाम ने इसे चीन की संप्रभुता का उल्लंघन करार देते हुए आलोचना की है। उन्होंने संबंधित संस्थानों से उचित कार्रवाई करने को कहा है।
प्रतिष्ठित चाइनीज यूनिवर्सिटी समेत कुछ अन्य कॉलेजों ने घटना को असंवैधानिक करार दिया है, लेकिन कुछ संस्थानों ने इन पोस्टर-बैनर को बने रहने दिया है। रविवार को 13 संस्थानों ने साझा बयान जारी कर लाम और विश्वविद्यालय प्रशासन पर अभिव्यक्ति की आजादी को सीमित करने के प्रयास का आरोप लगाया है। वर्ष 2014 में लोकतंत्र समर्थकों ने व्यापक जनआंदोलन किया था, जिसके बाद कई शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
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