अंजनहारी के कारण लक्षण और सावधानी एवं उपचार की जानकारी
अंजनहारी के बारे में आप ने बहुत सुना होगा ये एक तरह की सफ़ेद मुह वाली फुंसी होती है जो आँखों की पलकों पर भोंहों पर या उनके किनारे पर निकलती है और ये बड़ी कष्टदायक होती है फुंसी छोटी से होती है लेकिन दर्द बहुत ज्यादा होता है कभी तो यह फूट कर इसमें से मवाद बाहर निकल जाता है लेकिन वही पर दोबारा होने में समय नहीं लगाती
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अंजनहारी निकलने के कारण?
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- धूल के हानिकारक कणों का आँखों में जाना।
- गन्दिगी वाली जगह से मच्छर के द्वारा
- बाहर से आने पर बिना हाथ धोए आँखों को छूना।
- यदि पहले से किसी को अंजनहारी हो और उसके छूने या नज़ला जुकाम के संपर्क में आने से संक्रमण होता है ।
- आँखों की सफाई का ध्यान न रखना ।
- कई कई दिन तक ना नहाना
ये कुछ कारण है जिनसे इस तरह के रोग होते है
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अंजनहारी के उपचार
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- गर्मी के दिन में ये रोग ज्यादा होता है यदि सुबह और रात को सोने से पहले गुलाब जल की कुछ बूंदे डाली जाएँ तो ये रोग होने का खतरा कम होता है और यदि हो जाये तो जल्दी ठीक हो जाता है
- लौंग ( Cloves ) को पानी के साथ किसी सिलबट्टे पर रगड़ कर उसका लेप anjanhari पर करने से 1-2 दिन में ही ठीक हो जाती है
- काली मिर्च को पानी के साथ किसी सिलबट्टे पर रगड़ कर उसका लेप anjanhari पर करने से थोड़ी सी जलन होती है, लेकिन जल्दी ही अंजनहारी ठीक हो जाती है
- त्रिफला का जल सुबह खाली पेट लेने से anjanhari के इन्फेक्शन में राहत मिलती है
- रात को सोने से पहले 10-15 ग्राम त्रिफला का चूरण किसी कांच के गिलास में भे दें और सुबह उस पानी को छान कर उस पानी से आँखों को धोने से भी अंजनहारी ठीक होती है
- पीसे हुए चन्दन के चूरे को और उसमे 2-३ काली केसर की मिलाकर उसका लेप anjanhari पर लगाने से भी राहत मिलती है
- नीम को रात में पानी में उबाल कर सुबह उस नीम के ठडे पानी से आँखों को धोने से भी अंजनहारी में आराम मिलता है
- छुहारे के बीज को पानी के साथ घिस कर उसे दिन में २-३ बार anjanhari पर लगाने से लाभ होता है |
- हरड़ को पानी में घिसकर anjanhari पर लेप करने से लाभ होता है |
- तुलसी के रस में लौंग घिस लें और anjanhariपर यह लेप लगाने से आराम मिलता है |
अंजनहारी होने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिये ?
- अपना तौलिया, रूमाल आदि दूसरों के साथ शेयर न करें।
- जब भी अंजनहारी की दिक्कत हो तो आंखों को रगड़ना नहीं चाहिये इससे इन्फेक्शन होने और फैलने की सम्भावना रहती है
- किसी भी प्रकार का संक्रमण होने पर आंखों का मेकअप न करें।
- आंखों में यदि ज्यादा anjanhari के वजेह से सोजिश हो तो किताब पढ़ने, कम्प्यूटर पर घंटों काम करने से बचना चाहिये
- अंजनहारी निकलने पर मीठे फल (आम) और गरम तासीर की खाने की वस्तु से दूर रहना चाहिये
अंजनहारी के बारे में आप ने बहुत सुना होगा ये एक तरह की सफ़ेद मुह वाली फुंसी होती है जो आँखों की पलकों पर भोंहों पर या उनके किनारे पर निकलती है और ये बड़ी कष्टदायक होती है फुंसी छोटी से होती है लेकिन दर्द बहुत ज्यादा होता है कभी तो यह फूट कर इसमें से मवाद बाहर निकल जाता है लेकिन वही पर दोबारा होने में समय नहीं लगाती
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अंजनहारी निकलने के कारण?
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- धूल के हानिकारक कणों का आँखों में जाना।
- गन्दिगी वाली जगह से मच्छर के द्वारा
- बाहर से आने पर बिना हाथ धोए आँखों को छूना।
- यदि पहले से किसी को अंजनहारी हो और उसके छूने या नज़ला जुकाम के संपर्क में आने से संक्रमण होता है ।
- आँखों की सफाई का ध्यान न रखना ।
- कई कई दिन तक ना नहाना
ये कुछ कारण है जिनसे इस तरह के रोग होते है
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अंजनहारी के उपचार
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- गर्मी के दिन में ये रोग ज्यादा होता है यदि सुबह और रात को सोने से पहले गुलाब जल की कुछ बूंदे डाली जाएँ तो ये रोग होने का खतरा कम होता है और यदि हो जाये तो जल्दी ठीक हो जाता है
- लौंग ( Cloves ) को पानी के साथ किसी सिलबट्टे पर रगड़ कर उसका लेप anjanhari पर करने से 1-2 दिन में ही ठीक हो जाती है
- काली मिर्च को पानी के साथ किसी सिलबट्टे पर रगड़ कर उसका लेप anjanhari पर करने से थोड़ी सी जलन होती है, लेकिन जल्दी ही अंजनहारी ठीक हो जाती है
- त्रिफला का जल सुबह खाली पेट लेने से anjanhari के इन्फेक्शन में राहत मिलती है
- रात को सोने से पहले 10-15 ग्राम त्रिफला का चूरण किसी कांच के गिलास में भे दें और सुबह उस पानी को छान कर उस पानी से आँखों को धोने से भी अंजनहारी ठीक होती है
- पीसे हुए चन्दन के चूरे को और उसमे 2-३ काली केसर की मिलाकर उसका लेप anjanhari पर लगाने से भी राहत मिलती है
- नीम को रात में पानी में उबाल कर सुबह उस नीम के ठडे पानी से आँखों को धोने से भी अंजनहारी में आराम मिलता है
- छुहारे के बीज को पानी के साथ घिस कर उसे दिन में २-३ बार anjanhari पर लगाने से लाभ होता है |
- हरड़ को पानी में घिसकर anjanhari पर लेप करने से लाभ होता है |
- तुलसी के रस में लौंग घिस लें और anjanhariपर यह लेप लगाने से आराम मिलता है |
अंजनहारी होने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिये ?
- अपना तौलिया, रूमाल आदि दूसरों के साथ शेयर न करें।
- जब भी अंजनहारी की दिक्कत हो तो आंखों को रगड़ना नहीं चाहिये इससे इन्फेक्शन होने और फैलने की सम्भावना रहती है
- किसी भी प्रकार का संक्रमण होने पर आंखों का मेकअप न करें।
- आंखों में यदि ज्यादा anjanhari के वजेह से सोजिश हो तो किताब पढ़ने, कम्प्यूटर पर घंटों काम करने से बचना चाहिये
- अंजनहारी निकलने पर मीठे फल (आम) और गरम तासीर की खाने की वस्तु से दूर रहना चाहिये
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