बूढ़े को जवान और जवान को फौलाद बनाता है अलसी का सेवन
अलसी के बीजों का लम्बे समय से आयुर्वेदिक दवाओं और नुस्खों में बहुतायत से प्रयोग किया जाता रहा है । इसके बीजों और बीज में से निकलने वाले तेल में इसके अधिकतर गुण छिपे रहते हैं । कहा जाता है कि अलसी एक फीलगुड फूड है क्योकि इसका सेवन करने वाले का मूड खिला खिला रहता है । आधुनिक अनुसंधानों में मालूम हुआ है कि अलसी के बीजों में ओमेगा-3 नामक फैटी एसिड, प्रोटीन और फाइबर तत्व प्रचुर मात्रा में मिलते हैं । ओमेगा-3 फैटी एसिड के शरीर में कम होने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और शरीर शुगर और रक्तचाप जैसी बीमारियों का आसानी से शिकार बन जाता है । अलसी के सेवन से बुढ़ापे के लक्षण शरीर से दूर रहते हैं और जवान लोगों को शरीर में ताकत का संचार साफ महसूस होता है । खास बात यह है कि अलसी के बीजों और तेल का सेवन स्त्री और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं । अलसी के बीजों में और क्या क्या लाभ छिपे हुये हैं ।
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अलसी का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और दिल की धड़कन सही रहती हैं, अलसी के सेवन से एक फायदा यह भी है यह रक्त को पतला बनाये रखती है ।
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रक्तवाहिनियों में जमने वाली चिकनाई भी अलसी के सेवन से साफ होती रहती है जिस कारण ब्लॉकेज की समस्या से बचाव हो जाता है ।
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कुछ रिसर्च में मालूम हुआ है कि अलसी का सएवन करने से आँखों की रोशनी भी बढ़ती है ।
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पौरुष शक्ति की कमजोरी, शीघ्रपतन और एन्द्री के तनाव में कमी की समस्या अलसी के नियमित सेवन से कुछ हफ्तों में ठीक हो जाती है ।
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महिलाओं में रजो-निवृत्ति के समय होने वाले विभिन्न कष्टों और समस्याओं को अलसी के सेवन से नियंत्रित किया जा सकता है ।
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बॉडी बिल्डिंग के शौकीन युवा जो माँसपेशियों को बढ़ाने के लिये विभिन्न सप्लीमेण्ट्स लेते हैं उनके लिये अलसी का सेवन एक उत्तम पूरक आहार का कार्य करता है ।
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बढ़ती उम्र के साथ साथ जोड़ों में दर्द की समस्या हो ही जाती है । अलसी के सेवन से जोड़ों के बीच की प्राकृतिक चिकनाई बनी रहती है जिस कारण से यह जोड़ों के दर्द का एक बहुत उत्तम उपचार है ।
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अलसी के बीजों को सेंक कर फोड़े आदि पर सिंकाई करने से फोड़े जल्दी पक कर फूट जाते हैं और ठीक हो जाते हैं ।
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पेट में अल्सर और कब्ज के रोगियों को अलसी के सेवन से निश्चित ही लाभ मिलता है ।
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अलसी के बीजों में मौजूद तेल नाखूनों और बालों की सेहत के लिये बहुत ही अच्छा कार्य करता है । बार बार बालों और नाखूनों के टूटने से परेशान और बेजान बालों की समस्या में अलसी के तेल का सेवन एक बार कम से कम एक महीने तक अवश्य करके देखें ।
सेवन विधी :-
अलसी के बीजों को दरदरा कूटकर 20-30 ग्राम तक की मात्रा में रोज रात को अथवा दिन में एक बार किसी भी समय सेवन करना चाहिये । अलसी के बीजों को भून कर भी खाया जा सकता है । अलसी के बीजों से निकाला गया तेल 5 मिलीलीटर की मात्रा में एक बार सेवन किया जाना चाहिये । अलसी के तेल का प्रयोग बालों, नाखूनों और त्वचा की मालिश के लिये भी किया जा सकता है । इसे अधिक मात्रा में पीस कर नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह खराब होने लगती है। इसलिए थोड़ा-थोड़ा ही पीस कर रखें । अलसी के सेवन के समय दिन भर में कम से कम 2 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है ।
अलसी के बीजों का लम्बे समय से आयुर्वेदिक दवाओं और नुस्खों में बहुतायत से प्रयोग किया जाता रहा है । इसके बीजों और बीज में से निकलने वाले तेल में इसके अधिकतर गुण छिपे रहते हैं । कहा जाता है कि अलसी एक फीलगुड फूड है क्योकि इसका सेवन करने वाले का मूड खिला खिला रहता है । आधुनिक अनुसंधानों में मालूम हुआ है कि अलसी के बीजों में ओमेगा-3 नामक फैटी एसिड, प्रोटीन और फाइबर तत्व प्रचुर मात्रा में मिलते हैं । ओमेगा-3 फैटी एसिड के शरीर में कम होने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और शरीर शुगर और रक्तचाप जैसी बीमारियों का आसानी से शिकार बन जाता है । अलसी के सेवन से बुढ़ापे के लक्षण शरीर से दूर रहते हैं और जवान लोगों को शरीर में ताकत का संचार साफ महसूस होता है । खास बात यह है कि अलसी के बीजों और तेल का सेवन स्त्री और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं । अलसी के बीजों में और क्या क्या लाभ छिपे हुये हैं ।
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अलसी का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप और दिल की धड़कन सही रहती हैं, अलसी के सेवन से एक फायदा यह भी है यह रक्त को पतला बनाये रखती है ।
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रक्तवाहिनियों में जमने वाली चिकनाई भी अलसी के सेवन से साफ होती रहती है जिस कारण ब्लॉकेज की समस्या से बचाव हो जाता है ।
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कुछ रिसर्च में मालूम हुआ है कि अलसी का सएवन करने से आँखों की रोशनी भी बढ़ती है ।
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पौरुष शक्ति की कमजोरी, शीघ्रपतन और एन्द्री के तनाव में कमी की समस्या अलसी के नियमित सेवन से कुछ हफ्तों में ठीक हो जाती है ।
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महिलाओं में रजो-निवृत्ति के समय होने वाले विभिन्न कष्टों और समस्याओं को अलसी के सेवन से नियंत्रित किया जा सकता है ।
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बॉडी बिल्डिंग के शौकीन युवा जो माँसपेशियों को बढ़ाने के लिये विभिन्न सप्लीमेण्ट्स लेते हैं उनके लिये अलसी का सेवन एक उत्तम पूरक आहार का कार्य करता है ।
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बढ़ती उम्र के साथ साथ जोड़ों में दर्द की समस्या हो ही जाती है । अलसी के सेवन से जोड़ों के बीच की प्राकृतिक चिकनाई बनी रहती है जिस कारण से यह जोड़ों के दर्द का एक बहुत उत्तम उपचार है ।
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अलसी के बीजों को सेंक कर फोड़े आदि पर सिंकाई करने से फोड़े जल्दी पक कर फूट जाते हैं और ठीक हो जाते हैं ।
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पेट में अल्सर और कब्ज के रोगियों को अलसी के सेवन से निश्चित ही लाभ मिलता है ।
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अलसी के बीजों में मौजूद तेल नाखूनों और बालों की सेहत के लिये बहुत ही अच्छा कार्य करता है । बार बार बालों और नाखूनों के टूटने से परेशान और बेजान बालों की समस्या में अलसी के तेल का सेवन एक बार कम से कम एक महीने तक अवश्य करके देखें ।
सेवन विधी :-
अलसी के बीजों को दरदरा कूटकर 20-30 ग्राम तक की मात्रा में रोज रात को अथवा दिन में एक बार किसी भी समय सेवन करना चाहिये । अलसी के बीजों को भून कर भी खाया जा सकता है । अलसी के बीजों से निकाला गया तेल 5 मिलीलीटर की मात्रा में एक बार सेवन किया जाना चाहिये । अलसी के तेल का प्रयोग बालों, नाखूनों और त्वचा की मालिश के लिये भी किया जा सकता है । इसे अधिक मात्रा में पीस कर नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह खराब होने लगती है। इसलिए थोड़ा-थोड़ा ही पीस कर रखें । अलसी के सेवन के समय दिन भर में कम से कम 2 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है ।
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