ई-कॉमर्स इंडस्ट्री भारत में तेजी से बढ़ रही है और ई-कॉमर्स कंपनियां अब अपने बिजनेस मॉडल को बढ़ते कस्टमर्स और बदलती टेक्नोलॉजी के साथ मोडिफाई कर रही हैं। ऐसे में कंपनियां साल 2018 में कई नई टेक्नोलॉजीज और स्ट्रैटजीज पर काम कर सकती हैं जो पूरी इंडस्ट्री को बदल देगा और कस्टमर्स की शॉपिंग एक्सपीरियंस भी बदल जाएगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में ई-कॉमर्स कंपनियां का फोकस आर्टिफिशिअल इंटेलिजेंस पर बढ़ेगा। इसके अलावा, नई कैटेगरीज पर कंपनियों की ओर से दांव लगाया जाएगा।
वैसे भी फाइनेंशियल सर्विस कंपनी मॉर्गेन स्टेंली की हाल ही में जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 2026 तक भारत में ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों की संख्या 6 करोड़ से बढ़कर 47.5 करोड़ तक पहुंच सकती है। वहीं, एसोचैम-डेलॉयट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का ई-कॉमर्स मार्केट 2018 के अंत तक 50 अरब डॉलर का हो जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ेगा यूज
ग्रेहाउंड नॉलेज ग्रुप के सीईओ संचित गोगिया ने बताया कि ई-कॉमर्स कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल को बढ़ांएगी। इसके जरिए कस्टमर्स के लिए बेहतर सर्च रिजल्ड को पेश किया जाएगा। वहीं, मशीन लर्निंग से हर बार प्रोडक्ट खरीदने या सर्च करने पर सर्च रिजल्ड में सुधार आएगा। अगले साल, यूजर्स की रुचि और प्राथमिकता को फिल्टर करने पर जोर दिया जाएगा। अब तक यहां ब्राउसिंग हिस्ट्री और खरीद के आधार पर रिजल्ड आता है लेकिन अगले साल इससे कहीं जाता किया जाएगा।
ज्यादा से ज्यादा इन हाउस ब्रांड
ई-कॉमर्स एक्सपर्ट अंकुर बेसिन ने कहा कि कंपनियों के लिए प्रॉफिट में आना एक बड़ा चैलेंज बना हुआ है। इसलिए कंपनियां अपने प्लैटफॉर्म पर ज्यादा से ज्यादा इन हाउस ब्रांड्स का ऑफर दे रही हैं। इस साल फ्लिपकार्ट, मिंत्रा और अमेजन की ओर से अलग-अलग कैटेगरी में अपने ब्रांड्स को उतारा गया है। इस ट्रेंड को अगले साल भी देखा जाता सकता है। इसमें कंपनियां स्मार्टफोन, अपैरल और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक कैटेगरी में ब्रांड्स को उतार सकती हैं।
वीडियो पर दिया जाएगा जोर
साल 2017 में देखा गया है कि वीडियो कंटेंट की डिमांड कितनी ज्यादा बढ़ी है। सोशल मीडिया से लेकर दूसरे प्लैटफॉर्म पर प्रमोशल के लिए वीडियो कंटेंट को यूज किया जा रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले साल में ई-कॉमर्स के लिए वीडियो अगली बड़ी चीज होगी। आंकड़े बताते हैं कि वीडियो की वजह से खरीदारी में 97 फीसदी की ग्रोथ हो रही है। यह भी माना जा रही है कि 2020 तक 80 फीसदी ऑनलाइन कंज्यूमर इंटरनेट ट्रैफिक वीडियो से आएगा।
नेक्स्ट लेवल पर जाएगा पर्सनलाइजेशन
आने वाले दिनों में पर्सनलाइजेशन को नेक्स्ट लेवल पर पहुंचाया जाएगा। अभी तक कस्टमर्स के लिए कपड़ों के बारे में बताना और कस्टमर्स के हिसाब से उसकी सिलाई कराना ही पर्सनलाइजेशन होता था लेकिन अब इसे आगे की बात की जाएगी जहां कस्टमर्स की जरूरत के हिसाब से छुपी हुई चीजों और अनजानी चीजों के बारे में भी बताया जाएगा।
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