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बुधवार, 9 जून 2021

भाजपा में आया है आपसी भूचाल ,भाजपा पीएम नरेंद्र माेदी के चेहरे पर नहीं लड़ेगी 2022 यूपी चुनाव

भाजपा में आया है आपसी  भूचाल ,भाजपा पीएम नरेंद्र माेदी के चेहरे पर नहीं लड़ेगी 2022 यूपी चुनाव

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ,प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी और भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। कुछ दिन पहले तक इसकी अटकलें ही लगाई जा रही थीं लेकिन हाल में लिए गए कुछ फैसलों और घटी घटनाओं से यह साबित हाे गया है कि अटकलों में दम है। आग ताे लगी है,तभी
धुआं उठ रहा है। एक फैसला हुआ है। फैसला कोई छोटा मोटा नहीं है। 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा पीएम नरेंद्र मोदी
के चेहरे का इस्तेमाल नहीं करेगी। माेदी प्रचार के लिए जाएंगे लेकिन चुनाव में किसी भी प्रचार सामग्री पर माेदी की फाेटाे नहीं लगाएगी जाएगी।
इसकी शुरुआत यूपी बीजेपी के ट्विटर अकाउंट से माेदी की फोटो हटाने से हाे चुकी है। उत्तर प्रदेश में बैनर,पोस्टर व अन्य प्रचार सामग्री पर भी
माेदी की तस्वीर नहीं हाेगी। प्रचार सामग्री पर प्रमुखता से योगी आदित्यनाथ के साथ साथ प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा की फोटो दिखाई देंगे।
साल के शुरुआती तीन महीनों में यूपी के साथ साथ दूसरे चार अन्य राज्य पंजाब,उत्तराखंड,गोवा,मणिपुर में होने वाले चुनावों में भी प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी भाजपा का चेहरा नहीं होंगे। 2022 में हिमाचल प्रदेश व गुजरात में भी चुनाव होने हैं। लेकिन ये चुनाव साल के अंत में हाेंगे। यह फैसला पिछले सप्ताह दिल्ली में संपन्न आरएसएस की एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया है। इस बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह
दत्तात्रेय होसबोले भी मौजूद थे। उन्हीं के अगुवाई में संपन्न बैठक में निर्णय लिए गए हैं। दो दिन चली बैठक में सरसंघचालक सिर्फ एक दिन के लिए ही रहे। संघ की इस बैठक में क्षेत्रीय मुख्यालयों के प्रभारी और अन्य जिम्मेदारियों पर भी निर्णय लिए गए हैं। फैसले में सबसे अहम है चुनाव तक सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले को मुख्यालय नागपुर के बजाय लखनऊ होगा। सूत्रों का कहना है कि यूपी चुनाव का खाका तैयार करने से पहले बैठक में पश्चिम बंगाल के चुनावों को लेकर गंभीर मंथन हुआ था। मंथन में संघ ने
माना कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनाम मोदी की रणनीति से नुकसान हुआ। इसलिए इस बार रणनीति बदलने कर चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया। हालांकि अधिकृत तौर पर संघ इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है लेकिन यदि सूत्राें की मानें ताे यूपी चुनाव कैसे लड़ा जाएगा इसका खाका करीब-करीब
तय कर लिया गया है। इस बार इसका ताना बाना प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की जगह योगी आदित्यनाथ काे केंद्र में रख बुना गया है। वैसे ताे बैठक में
कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए लेकिन सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह लिया गया
है कि अगले वर्ष यूपी सहित चार राज्यों में होने वाले चुनावों में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेहरा नहीं होंगे। संघ की सोच है कि क्षेत्रीय चुनाव क्षेत्रीय नेताओं काे ही आगे कर लड़ना चाहिए। प्रधानमंत्री या किसी
अन्य केंद्रीय मंत्री के चेहरे को सामने रख चुनाव लड़ने का खामियाजा उठाना पड़ सकता है । संघ की यह साेच पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद
बदली है। बंगाल का चुनाव पार्टी ने प्रधानमंत्री माेदी के चेहरे पर लड़ा था जिसका खामियाजा पार्टी काे शिकस्त के रूप में उठाना पड़ा। इसलिए अब
संघ काे अपनी रणनीति बदलनी पड़ी है। इसलिए आसन्न विधानसभा चुनाव में यूपी में पार्टी का चेहरा योगी आदित्यनाथ हाेंगे। उन्हीं के चेहरे पर
पार्टी चुनाव लड़ेगी।संघ के फैसले से यह साफ जाहिर होता है कि माेदी और योगी में मतभेद है।
इसे एक और उदाहरण से समझा जा सकता है। बीते 5 जून काे योगी आदित्यनाथ का 49वां जन्मदिन था। लेकिन उनके जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तीनों ने बधाई नहीं दी। राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी जैसे पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं ने जरूर उनको बधाई दी पर पार्टी संगठन के तीन शीर्ष नेताओं ले बधाई नहीं दी। तीनों के ट्विटर हैंडल पर पर बधाई संदेश नहीं आया। जब इस पर चर्चा शुरू हुई ताे सूत्रों के हवाले से एक सफाई आई, जिसमें कहा गया कि कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने किसी को जन्मदिन की बधाई नहीं दी है। हालांकि पिछले
साल जून में भी कोरोना की लहर चल रही थी और तब प्रधानमंत्री ने योगी आदित्यनाथ को उनके जन्मदिन की बधाई दी थी। उससे पहले 2019 में भी योगी काे बधाई दी थी। प्रधानमंत्री व गृह मंत्री ने विगत माह 27 मई को नितिन गडकरी को भी जन्मदिन की बधाई नहीं दी थी। लेकिन तब पार्टी की तरफ से कोई
सफाई नहीं दी गई थी। ऐसा नहीं कि काेराेना काल में माेदी ने किसी काे बधाई नहीं दी। पांच राज्यों के चुनाव के बाद उन्होंने उन राज्यों के नेताओं को कम से कम दो-दो बार बधाई दी। पहले जीत की और फिर शपथ लेने की। जहां भाजपा नहीं जीती वहां भी उन्होंने अच्छा वोट हासिल करने के लिए पार्टी नेताओं को बधाई दी। कैलेंडर के हिसाब से हर दिवस की बधाई भी उनकी टाइमलाइन पर देखी जा सकती है। अमित शाह ने गत 27 मई को पार्टी के एक अन्य
वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी को भी जन्मदिन की बधाई नहीं दी थी। लेकिन अमितशाह ने 18 मई को पार्टी के वरिष्ठ नेता और सामाजिक अधिकारिता मंत्री
थावरचंद गहलोत को ट्वीट करके जन्मदिन की बधाई दी थी। इस पर पार्टी चाहे जो भी सफाई दे लेकिन मैसेज साफ है कि माेदी और योगी में ठन गई है। और
इसमें योगी माेदी पर भारी पड़ रहे हैं। मोदी योगी में अगर कोई कलह है तो इसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में भुगतना पड़ सकता हैं।
भाजपा में आया है आपसी  भूचाल ,भाजपा पीएम नरेंद्र माेदी के चेहरे पर नहीं लड़ेगी 2022 यूपी चुनाव
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  • Date : जून 09, 2021
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