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शनिवार, 5 जून 2021

*हरियाणा के IAS अशोक खेमका ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, कहा- सरसों के मिले बेहतर दाम, फिर ये कानून काले कैसे?*

*हरियाणा के IAS अशोक खेमका ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, कहा- सरसों के मिले बेहतर दाम, फिर ये कानून काले कैसे?*

हरियाणा के चर्चित आईएएस अधिकारी डॉ. अशोक खेमका हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. इस बार वो अपने ट्वीट को लेकर चर्चा में हैं. अशोक खेमका ने इस बार ट्वीट कर केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों का समर्थन किया है और इन कानूनों के विरोध पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस वर्ष किसानों को सरसों का बेहतर मूल्य सरकारी मंडी के बाहर मिला है. हरियाणा में किसानों ने अबकी बार सिर्फ 25 लाख क्विंटल सरसों सरकारी मंडियों में बेची. इससे लगभग 2 गुना यानि 50 लाख क्विंटल सरसों किसानों ने मंडी से बाहर बेची है. ऐसे में क्या नए कृषि कानून सचमुच में काले हैं?

एक यूजर ने इस मुद्दे पर कहा कि किसानों को यह दाम केंद्र सरकार के कृषि कानूनों की वजह से नहीं मिले हैं तो खेमका ने इसका जवाब देते हुए कहा कि मंडी के बाहर बेहतर मूल्य मिला होगा, तभी तो किसानों ने इस बार सरसों और सूरजमुखी मंडी के बाहर बेची है. कोई और कारण है, तो बताएं.

बता दें कि दिल्ली बॉर्डर पर हरियाणा और पंजाब समेत आसपास के राज्यों के किसान 3 कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 6 माह से आंदोलन कर रहे हैं. किसान संगठनों में हालांकि धड़ेबंदी है, लेकिन फिर भी राजनीतिक हस्तक्षेप से ही सही, मगर आंदोलन जारी है. इस बार किसानों की सरसों सात से साढ़े 7 हजार रुपये क्विंटल में बिकी है, जबकि सूरजमुखी 6500 रुपये क्विंटल तक में बिक रही है.
*हरियाणा के IAS अशोक खेमका ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, कहा- सरसों के मिले बेहतर दाम, फिर ये कानून काले कैसे?*
  • Title : *हरियाणा के IAS अशोक खेमका ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, कहा- सरसों के मिले बेहतर दाम, फिर ये कानून काले कैसे?*
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  • Date : जून 05, 2021
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