सोशल मीडिया को अपनी कमजोरी नही बल्कि अपनी ताकत बनाएं -भाई श्री रवि चाणक्य
जनसंख्या नियंत्रण बिल एवं समान नागरिक संहिता जबतक केंद्र सरकार नही लाती है तकतक पूरे देश मे जनजागरण यात्रा निकाले -युग पुरुष रवि चाणक्य
लखनऊ-(डॉ राकेश पुंज ) मिशन न्यू इण्डिया की 27 एवं 28 दिसम्बर को दो दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक युग पुरुष कुलश्रेष्ठ भाई श्री रवि चाणक्य जी की अध्यक्षता में हुई। जिसमें भारत के 9 क्षेत्र एवं 51 प्रान्तों से प्रतिनिधि आये। दो दिन गम्भीर मंथन चलता रहा। भारत की सभी गम्भीर समस्याओं पर चर्चा हुई। जिनमे प्रमुख निर्णय लिए गए वो इस प्रकार है ।
- कोरोना से निपटने के लिए भारत के प्रत्येक गांव में सोशल मीडिया एवं प्रत्यक्ष जनजागरण से बचाव करने हेतु निर्णय हुआ।
-भ्रष्टाचार की जननी है मंहगी शिक्षा एवं चिकित्सा तथा सुरक्षा इसे केंद्र सरकार तत्काल निःशुल्क करे इस पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव हुआ। न्यायालयों में लंबित पड़े वाद समय सीमा के अंदर तत्काल त्वरित न्याय हो तथा आर्थिक दृष्टि से पिछड़े लोगो को वादी के द्वारा चयनित अधिवक्ता सरकार निःशुल्क उपलब्ध कराए।
- गांव का पानी गांव में रहे इस लिए पानी को सरकार के अतिरिक्त जनता उसका संग्रह करे इस पर मिशन न्यू इण्डिया काम करेगी।
- मौसम एवं पर्यावरण समान्य रहे इस लिए पूरे देश मे माता पिता या अपनी स्मृति हेतु वृक्षारोपण एवं उस वृक्ष को तीन वर्ष के लिए लगाने वाले व्यक्ति को उसका अभिवावक बनाया जायेगा। चैबीस घंटे ऑक्सीजन देने वाले वृक्ष औधोगिक क्षेत्र एवं मार्गो में छायादार फल वाले वृक्ष लगाने पर मिशन काम करेगा।
-भारत सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं को बिना बिचौलियों के सीधे उसका लाभ दिलवाने हेतु " लोक समाधान" केंद्र भारत के प्रत्येक पंचायत में खोलेगी।
-हर हाँथ को काम मिले इस अभियान हेतु हाउसकीपिंग प्रशिक्षण केन्द्र एवं एमएसएमई फोरम ऑफ इण्डिया एवं राष्ट्रीय उद्योग एवं व्यापार मंच के सहयोग से भारत के प्रत्येक जिला में निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जायेगा।
-राज्य एवं द्वारा करवाये जा रहे निर्माण के लिए स्थानीय जनता की एक निगरानी समति बनेगी जो सरकार के मानक को पूरा कराने पर रचनात्मक जोर देगी।
-प्रत्येक गांव का बच्चा स्कूल जाये इस पर प्रत्येक गाँव मे समय समय पर छोटी छोटी गोष्ठी करेगी।
-बच्चीयों एवं बहनों की सुरक्षा हेतु हार्मोन्स परिवर्तन पर सावधानी हेतु महिला शाखा द्वारा स्कूल कालेजों में विषज्ञों द्वारा काउंसलिंग का कार्य होगा।
-गौ माता को धर्म के साथ साथ विज्ञान से जोड़कर उनके गोबर एवं मूत्र पर शोध किया जायेगा तथा उसका उचित मूल्य कैसे मिले इस हेतु बाजार का निर्माण किया जायेगा।
-देश के युवाओं को सरकार द्वारा फ्री में भींख की जगह रोजगार उपलब्ध हो इस पर कार्य होगा।
-युवा नौकरी लेने वाला न बनकर नौकरी देने वाला कैसे बने इस पर कार्य होगा।
-साइबर क्राइम निरन्तर बढ़ रहा है। लोगों का डेटा विदेशों में जा रहा है। फर्जी फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि सोशल मीडिया से युवाओं को ब्लैकमेल किया जा रहा है। लोगो को इमोशनल बाते बोलकर साइबर द्वारा ठगा जा रहा है। इस पर जनजागरण अभियान चलाया जायेगा।
-साइबर क्राइम से सावधान रहने हेतु एक अलग से शाखा बनायी जायेगी।
-मार्ग दुर्घटना में समय से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न होने के कारण लावारिस की तरह मृत्युदर को कम करने हेतु '' नेशनल एक्सीडेंटल रेस्क्यू टीम" का गठन होगा जिसका संचालन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दल करेगा।
-राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा मे उपरोक्त प्रस्ताव मिशन न्यू इण्डिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में हुए।
बैठक में युग पुरुष भाई श्री रवि चाणक्य ने कहा अब समय आ गया है कि हमे दूसरों को दोष देने की जगह स्वयं कार्य करना होगा। राज्य या केंद्र सरकार के पास सीमित जनबल एवं संसाधन होते हैं अतः उनसे अपेक्षा करना उचित नही होगा। आज भी भारत के पास न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल एवं रेडियोलॉजिकल दुर्घटनाओं से निपटने के लिए न तो एनडीआरएफ को प्रशिक्षण है और न ही उनके पास उपकरण हैं। जब भी आपदा आती है तब हमारे वीर सैनिक एवं अर्ध सैनिक अपनी जान की बाजी लगाकर जनता की रक्षा करते हैं। यही कार्य यदि आम जनता सीख जाये तो जनता का जीवन और सरलता से बचाया जा सकता है। इस लिए प्रत्येक गांव में आपदा से निपटने हेतु जनता को सांकेतिक प्रशिक्षण के स्थान पर पूर्ण प्रशिक्षण दिया जाये। यदि सरकार देने में असफल रही तो मिशन न्यू इण्डिया का सहयोगी संगठन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दल देगा।
निःशुल्क चिकित्सा, निःशुल्क शिक्षा, निःशुल्क सुरक्षा भारत के सभी नागरिकों को समान रूप से मिले। चाहें वह मजदूर या किसान हो या फिर प्रशासनिक अधिकारी अथवा विधायक एवं सांसद ही क्यों न हों।
लोकतंत्रीय व्यवस्था में सभी को समान अधिकार है। आज विडम्बना है सरकारी चिकित्सालयों में जनता के लिए अलग दवा और अधिकारियों तथा नेताओं के लिए अलग से दवा होती है। प्राइमरी स्कूलों में गरीब बच्चों पढ़ते हैं वही दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों में सामर्थ्यशाली परिवार के बच्चे पढ़ते हैं वही उच्च शिक्षा हेतु वही सामर्थ्यशाली परिवार के बच्चे पढ़ना चाहते है। ऐसी क्या कमी है जो सरकारी स्कूल प्राइमरी में न पढ़ने वाला उच्च शिक्षा में पढ़ना चाहता है। इस लिये स्कूलों में ड्रेड और भोजन की जगह शिक्षा एवं शिक्षकों के स्तर को सरकार सुधारे।
इस बैठक में आये पूर्वोत्तर भारत, एवं दक्षिण भारत, उत्तर भारत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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