अकाली दल-शिरोमणी कमेटी हमारी फसल-नसल सँभालने में नाकाम रहे: कालका
''धर्म जागरूकता लहर'' का सैलाब धर्म परिवर्तन करवाने वालों का करेगा सफाया: कालका
पंजाब के सिक्ख परिवारों द्वारा मात्र स्कूल की फीस माफ करवाने के लिए दूसरे
धर्म को अपनाना शर्मनाक और चिंताजनक: काहलों
दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक द्वारा पंजाब में धर्म परिवर्तन के बढते मामलों पर लगाम कसने के लिए ''धर्म जागरूकता लहर'' की आरम्भता आज अरदास समागम करवा के की गई जिसमें राज्यभर से कई संप्रदाओं के मुखी, पंथ प्रेमियों ने भारी संख्या में शमूलियत की। इस अवसर पर दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष श्री हरमीत सिंह कालका ने संबोधन करते हुए कहा कि पंजाब की जिस धरती से कभी सिंह सभा लहर की शुरूआत हुई थी, आज उसी धरती से ''धर्म जागरूकता लहर'' की आरम्भता यहाँ दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी का कार्यालय खोल कर की जा रही है। उन्होंने कहा कि यहाँ मौजूद पंथ प्रेमियों का इक्कठ देखकर मुझे यकीन है कि यह लहर एक दिन सैलाब बनकर उन पंथ के गददारों का सफाया करेगी जो सिक्ख परिवारों का धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम पंजाब भर के दूर-दराज के गाँव-गाँव तक पहुँच करके अपने बच्चों और धर्म बदल चुके परिवारों को गौरवमयी सिक्ख इतिहास, सिक्ख गुरूओं की शिक्षाओं और साहिबजादों की शहादत के बारे में बतायेंगे ताकि हमारी पीढ़ी सिक्खी के साथ पुर्नः जुड़ सके।
श्री कालका ने कहा कि पंजाब के लोगों ने हमें शिरोमणी अकाली दल और शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी दी बावजूद कहाँ कोई ऐसी कमी रह गई कि हम ना तो अपनी फसल सँभाल सके और ना ही अपनी नस्ल। उन्होंने कहा कि पंजाब में धर्म प्रचार लहर को सही से चलाने की जिम्मेवारी टकसाली नेता श्री मनजीत सिंह भोमा को सौंपी है जो सिक्ख धर्म के साथ जुड़े सभी संप्रदाओं के मुखिया, पंथक जत्थेबंदियों के साथ विचार-विमर्श करके एक सेमिनार करवायेंगे जिससे यह पता लगाया जा सके कि कहाँ काई कमी रह गई कि हमारे धर्म के प्रचार-प्रसार में निम्नस्तर आया।
इस अवसर पर दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के महासचिव श्री जगदीप सिंह काहलों ने कहा कि सिक्ख कौम जुझारू कौम है जो अपने धर्म की खातिर शहादत दे सकती है अपनी कुर्बानी दे सकती है पर वो अपनी सिक्खी का त्याग कदापि नहीं कर सकती। हमारे मुल्क में सफेद क्रांति हो याँ हरित क्रांति जब बात देश पर आई तो पंजाब ने देशभर में अनाज के भँडार भर दिये। अगर सरहदों की रक्षा की बात आई तो हमारी सिक्ख रेजिमेंट ने पाकिस्तान हो या चीन सबके दाँत खटटे करके भारत की रक्षा की। देश-विदेश में कोई महामारी-कुदरती आपदा आई तो सिक्खों ने सबसे आगे होकर लंगर लगाये, मुफ्त दवाईयाँ वितरित की और मानवता की सेवा की। ऐसी कौम जो हर क्षेत्र में मोहरी और जुझारू हो आज ऐसी जरूरत कैसे पड़ गई कि हमें इसी कौम का वर्तमान-भविष्य बचाने के लिए ''धर्म जागरूकता लहर'' चलाने की जरूरत महसूस हो रही है।
वो कौम जो शहादत-कुर्बानी देने से नहीं डरती, पंजाब में रहते उसी कौम के कई परिवार आज मात्र स्कूल की फीस माफ करवाने के लिए अपना गौरवमयी धर्म परिवर्तित करे यह बहुत ही शर्मनाक और चिंताजनक बात है। सिक्ख कौम जो मुसीबत के समय अन्य धर्मों का पेट भरने के लिए प्रथम श्रेणी में नजर आती है, ऐसा क्या कारण बन गया कि उसका एक भी बच्चा याँ परिवार अन्य धर्म अपनाने के मार्ग पर चलने को मजबूर हुआ।
श्री काहलों ने कहा कि देशभर में सिक्ख धर्म का प्रचार-प्रसार कर रही हर जत्थेबंदी की हर संभव सहायता करना दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का फर्ज बनता है। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी का हर सदस्य कोरोना काल में जानलेवा बीमारी से डरने की जगह बिना किसी धार्मिक भेदभाव के हर जरूरतमंद की सहायता करने के लिए जगह-जगह लंगर खिलाने की सेवा कर रहा था। जब अस्पतालों में आॅक्सीजन की कमी हुई तो हमने गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब के भाई लक्खीशाह बंजारा हाल में कोविड सेंटर खोला जहाँ हर धर्म के व्यक्ति ने अपना मुफ्त ईलाज करवाया और यह बात बर्दाश्त नहीं की जायेगी कि किसी अन्य धर्म के लोगों द्वारा लोभ-लालच देकर हमारे धर्म में दख्लअंदाजी की जाये।
संत बाबा मनमोहन सिंह जी बारन वाले मुखी धार्मिक विंग बुढढा दल ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी सिक्खी की जो जड़ें हैं वो गाँव हैं और कोई भी प्रचारक गाँव तक पहुँच नहीं करता इसलिए हमें शुरू से ही इस ओर ध्यान देना होगा।
बाबा बलजीत सिंह दादूवाल अध्यक्ष हरियाणा सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कहा कि पंजाब में जिन्हें धर्म की रक्षा करनी जिम्मेवारी सौंपी थी, उन्होंने धर्म पर सियासत को हावी कर दिया जिस कारण सिक्ख धर्म के कई परिवार धर्म परिवर्तित करने की राह पर चल पड़े परन्तु अब दिल्ली सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा श्री मनजीत सिंह भोमा को रागी-ढाढी सिंह, कथा वाचक, प्रचारक और सिक्ख इतिहासकारों का सहयोग मुहैया करवाया जायेगा जो कि पंजाब के माझा, मालवा, दोआबा के दूर-दराज के गाँव-गाँव तक पहुँच करके सिक्ख धर्म का प्रचार-प्रसार सही से करने का कर्तव्य निभायेंगे। अगर हम सभी मिलकर पंजाब में धर्म परिवर्तन के मामलों पर लगाम लगा सके तो दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी द्वारा ''धर्म जागरूकता लहर'' चलाना इतिहास के सुनहिरी पन्नों पर लिखा जायेगा।
इस अवसर पर दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी से हरविन्दर सिंह के.पी. वरिष्ठ उपाध्यक्ष, आत्मा सिंह लुबाणा उपाध्यक्ष, जसमेन सिंह नोनी सचिव, गुरमीत सिंह जस्सा, गुरदेव सिंह, सुखबीर सिंह कालड़ा, गुरमीत सिंह भाटिया, एम.पी.एस. चढडा, सतिन्दरपाल सिंह नागी, हरजीत सिंह पप्पा, निशान सिंह मान, भूपिन्दर सिंह गिन्नी, विक्रम सिंह रोहिणी, दलजीत सिंह सरना, सुरजीत सिंह जीती, अमरजीत सिंह पिंकी, गुरमीत सिंह टिंकू, परमजीत सिंह भाटिया, परविन्दर सिंह लक्की सभी सदस्य दिल्ली गुरूद्वारा कमेटी और बीबी रविन्दर कौर आदि मौजूद थे।
इस अवसर पर बाबा हर बेअंत सिंह मसतूआना साहिब, बाबा कर्म सिंह जी कार सेवा दबुरजी वाले, भाई मलकीत सिंह, बाबा कश्मीर सिंह भूई वालों से बाबा सुक्खा सिंह, बाबा बलबीर सिंह मुछल सत्कार कमेटी, बाबा दर्शन सिंह टाहला साहिब, बाबा बलविन्दर सिंह (भतीजे संत करतार सिंह भिंडरा वाले), भाई मोहकम सिंह दमदमी टकसाल, शिरोमणी अकाली दल संयुक्त के धार्मिक मुखी, बाबा हरभजल सिंह कुल्ली वाले, भाई साहिब सिंह, भाई सुखविन्दर सिंह अगवान, भाई मनजीत सिंह सदस्य एस.जी.पी.सी., सर्वजीत सिंह सोहल, सर्वजीत ंिसंह जम्मू सचिव एच.एस.जी.पी.सी., अदव छिन्दरपाल सिंह बराड़, उम्रजीत सिंह, कुलदीप सिंह मजीठा, विक्रम गुलजार सिंह खोलकीपुर, जगदीश सिंह (डायरेक्टर एस.एस.एस.एस. स्कूल), सरदार पगड़ी हाउस अमरजीत सिंह, दलजीत सिंह पाखरपुरा, सुखविन्दर सिंह बिटटू मजीठा, स्वर्ण सिंह करालिया, बलवंत सिंह सुजादा, कुँदन सिंह अबदाल, भाई सुखविन्दर सिंह अगवान (भतीजे शहीद भाई सतवंत सिंह इंदिरा गाँधी काँड वाले), भाई सर्वजीत सिंह खालसा (पुत्र अमर शहीद भाई बेअंत सिंह, विक्रमजीत सिंह नांग, मक्खन सिंह हरिया, बाबा कुल्ली वाले (हर्षा छीना), संत बाबा कर्म सिंह कार सेवा वाले दुबरजी, संत बाबा मनमोहन सिंह जी भँगाली वाले, सतनाम सिंह मनावां, संत बाबा बलविन्दर सिंह (भतीजे बाबा करतार सिंह भिंडरां वाले), भाई मोहकम सिंह, भाई प्रक्ट सिंह डिमोवाल, संत बाबा मनमोहन सिंह जी बारन वाले, संत बाबा अवतार सिंह जी सुर सिंह वाले, बाबा बिधी चंदीया संप्रदाय से बाबा नाहर सिंह, भाई कुलविन्दर सिंह अरदासिया पाँच प्यारे (1), भाई मेजर सिंह, प्रक्ट सिंह चंगावा, बीबी राजवंत कौर, बीबी कुलविन्दर कौर, बलदेव सिंह तेड़ा, विरसा सिंह बटाला, बलविन्दर सिंह जेठुआल, जसविन्दर सिंह डरोली, बलबीर सिंह मुच्छल, भूपिन्दर सिंह नंदा आई.ए.एस., सुखदेव सिंह पूर्व एस.एस.पी. आदि शामिल हुए
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