पुनीत महाजन
इसे कहते है चिराग तले अँधेरा?? खुद के आफिसों में लाखो करोङो रुपये से चमकाए गए है शौचालय??
नरकीय जीवन जीने को मजबूर सैक्टर 25 निवासी??
वार्ड नः 16,सैक्टर 25 निवासियों में जो गरीब लोग झुग्गी झौपङियो में रहकर अपना जीवन निर्वाह कर रहे हैं,उनकी सुविधा के लिए पब्लिक हेल्थ विभाग द्वारा जन सुविधा शोचालय का निर्माण किया गया है,जिनका टेंडर किसी त्रिशला सेल्फ हेल्प ग्रूप को अलाट किया गया है,जो कि काफी समय से चला आ रहा है,पब्लिक हैल्थ द्वारा यह टेंडर यहाँ बनें शौचालयों के देख रेख,साफ सफाई के लिए अलाट किया गया है,लेकिन कंपनी की और से यहाँ पर 4 कर्मचारी रखे जाने थे,लेकिन कंपनी ठेकेदार द्वारा केवल एक ही महिला कर्मचारी से काम लिया जा रहा हैं,वेतन के नाम पर 8000/- रूपये दिए जा रहें हैं,इन शौचालयों का हाल इतना दयनीय है कि यहाँ ना तो किसी प्रकार की सुविधा मौजूद है,शौचालयों के दरवाजे टूटे हुए है,लाइटें नहीं है,अंदर से कुंडी नहीं लगती,जिससे कि यहाँ पर रहनें वाली महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पङ रहा हैं,पब्लिक हैल्थ आफिस के अधिकारी केवल फूल देकर फोटों खिचंवाने के लिए ही आते है,अब तो यहाँ रहनें वाले स्थानीय लोगों ने भी इस कंपनी को दिए गए टेंडर को रद्द किए जाने की मांग करनी शुरू कर दिया है,पता नहीं नगर निगम कैसें इन कंपनियों को ठेके अलाट कर देता है ?? गरीब लोगों को शौषण करनें में निगम भी कम जिम्मेवार नहीं है ?? देखते है कि निगम कमिश्नर महोदया मैडम क्या इन लोगों की समस्या की और ध्यान देंगी या कालोनी वालों को प्रदर्शन के माध्यम से निगम तक अपनी आवाज़ पहुंचानी होगी???
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