रूहानियत और इंसानियत संग संग*
*75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम*
डा राकेश पुंज / अमित कुमार एटा, 16नवम्बर, 2022:- रूहानियत और इन्सानियत के दिव्य संदेश को दर्शाने वाले 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का भव्य आयोजन दिनांक 16 नवम्बर से 20 नवम्बर तक होने जा रहा है। इसी श्रृंखला के अंर्तगत सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन कर कमलों द्वारा समागम सेवाओं का उद्घाटन दिनांक 18 सितम्बर को संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा में किया गया। उसी दिन से ही दिल्ली एवं भारत के अनेक राज्यों व शहरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों एवं सेवादल के सदस्यों द्वारा नित्य प्रतिदिन सेवाओं में योगदान दिया जा रहा है। साथ ही सत्गुरु के पावन दर्शन पाकर सभी भक्त प्रफुल्लित हो रहे हैं।
मिडिया प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि निरंकारी मिशन की ब्रांच एटा के अवागढ़, जलेसर , जैथरा, धुमरी, निधौली कलां, कालियानपुर आदि स्थानों से निरंकारी भक्त बसों ,ट्रेन, व निजि यातायात के साधनों से हजारों की संख्या में ब्रांच एटा से आध्यात्मिक स्थल समालखां हरियाणा में होने वाले 75 वे निरंकारी संत समागम के लिए प्रस्थान करेंगे।
समागम संबंधित विवरणः-
क्षेत्रः- इस वर्ष का ‘75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम’ पूर्व की भांति सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन सान्निध्य में सन्त निरंकारी आध्यात्मिक स्थल समालखा (हरियाणा) में आयोजित किया जा रहा है जिसका विस्तारण लगभग 600 एकड़ क्षेत्र में होगा। आजकल जी. टी. रोड से आने जाने वाले यात्रियों के लिए यहां शामियानों की चमकती हुई सुंदर नगरी उत्सुकता एंव आर्कषण का केन्द्र बनी हुई है।
श्रद्धालुओं एंव भक्तों की संख्याः- हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी संपूर्ण भारतवर्ष से लगभग 8 से 10 लाख तथा दूर देशों से 2500 के करीब श्रद्धालु भक्तजन संत समागम में सम्मिलित होकर दिव्यता के इस महाकुंभ का आनंद प्राप्त करेंगे।
सेवादलः- समागम स्थल पर तैयारियों से लेकर समागम की सम्पन्नता तक सेवादल के लगभग 1,50,000 सदस्य सेवा के लिए तत्पर होंगे। यह सेवादार वर्ष भर उत्साह एंव तनमयता के साथ निरंतर अपनी सेवाओं में जुड़े रहते हैं। इस वर्ष भी सेवादल के सभी सदस्य संत समागम में सम्मिलित होकर सेवाओं में अपना योगदान देंगे।
स्वास्थ्यः- सन्त निरंकारी मण्डल के स्वास्थ्य एंव समाज कल्याण विभाग की ओर से समागम पर 9 डिस्पेंसरियाँ कार्य करेंगी, जिनमें 5 एलोपैथिक और 4 होम्योपैथिक डिस्पेंसरियाँ शामिल है। इसके अतिरिक्त 14 प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रए 1 कायरो चिकित्सा पद्धति शिविर तथा 4 एक्युप्रैशर/फिजियोथैरिपी डिस्पैंसरियों की सुविधा भी उपलब्ध करवायी जाएगी। कायरो चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत 60 डॉक्टर, एलोपैथिक में लगभग 100 और होम्योपैथिक में लगभग 40 डॉक्टरों की टीम समागम स्थल पर कार्यरत रहेंगी। इसके अतिरिक्त पैरामेडिकल स्टॉफ की सुविधा समागम पर उपलब्ध करवायी जायेगी जिसकी संख्या लगभग 300 है।
एम्बुलेंसः- संत निरंकारी मिशन की ओर से 12 एंव हरियाणा सरकार की ओर से 20 एम्बुलेंस समागम स्थल पर तैयार रहेंगी। इसके अतिरिक्त आपातकालीन स्थिति में निकट के पानीपत, सोनीपत एवं दिल्ली के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में ले जाने के भी उचित प्रबंध किये गये हैं।
सुरक्षा प्रबंधनः-समागम स्थल की सुरक्षा व्यवस्था हेतु हरियाणा सरकार के सहयोग से समुचित प्रबंध किया गया है जिसमें 50 चैक पोस्ट बनाये गये हैं। मिशन के सेवादार दिन रात पूरी जागृति के साथ ट्रैफिक कंट्रोल की सेवाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं जिससे कि जी. टी. करनाल रोड पर ट्रैफिक कंट्रोल रहे और आने जाने वाले महात्माओं को किसी प्रकार की कोई भी परेशानी न आये और व्यवस्था मर्यादित रहे। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सेवादल के अतिरिक्त स्पेशल ड्युटी की भी एक टीम सजगता के साथ सेवारत रहेगी।
संत निरंकारी मण्डल, हरियाणा सरकार का हृदय से आभारी है, जिन्होंने इस दिव्य संत समागम हेतु बिजली, पानी, सीवरेज और अग्निशामक शिविर का व्यापक स्तर पर प्रबंध किया है। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत हरियाणा पुलिस, सिक्योरिटी एंव स्पेशल ड्युटी की सुविधाएं भी उपलब्ध करवायी हैं।
कैन्टीनः- समस्त समागम स्थल को चार मैदानों में बांटा गया है। सभी मैदानों में लगभग 22 कैन्टीनों की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त 4 अन्य कैन्टीनों का भी प्रबंध किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो। इन सभी कैन्टीनों में खानपान की लगभग सभी सामग्री जैसे चाय, कॉफी, शीतल पेय पदार्थ तथा अन्य खाद्य सामग्रियां रियायती दरों पर उपलब्ध होंगे।
लंगरः- प्रत्येक मैदान में लंगर बनाने तथा उसके वितरण हेतु समुचित प्रबंध व्यवस्था की गई है। इस वर्ष चपाती बनाने के लिए पाँच मशीनों का प्रबंध किया गया है। सभी श्रद्धालुओं को लंगर, स्टील की थालियों में परोसा जायेगा। इसके अतिरिक्त लंगर तथा कैंटीनों में स्वच्छता का भी विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। यह सभी सेवाएं सेवादल के सदस्यों तथा अन्य श्रद्धालु भक्तों द्वारा दी जा रही है।
यातायात प्रबंधनः- हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सभी भक्तों के लिए प्रशासन एंव भारतीय रेलवे के सहयोग द्वारा यातायात का समुचित प्रबंध किया गया है। भारतीय रेलवे ने नियमित आवागमन यात्रा हेतु दिल्ली से आनंद विहार, हज़रत निज़ामुद्दीन, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की सुविधाएं श्रद्धालु भक्तों के लिए उपलब्ध करवायी हैं। इसके अतिरिक्त भोड़वाल माजरी रेलवे स्टेशन जो पानीपत समालखा में है वहां पर समयानुसार ट्रेने रूकंेगी और यात्रीगणों को गन्तव्य स्थानों तक पहंुचायेंगी।
पार्किंग व्यवस्थाः- मण्डल के ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से समागम स्थल पर सभी भक्तों के लिए बसों की भी समुचित व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं, सेवादारों, आगंतुको के लिए सत्संग पंडाल से कुछ ही दूरी पर वाहनों की पार्किंग हेतु स्थानों को आवंटित किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को असुविधा न हो।
स्ंत निरंकारी मिशन का इतिहासः- संत निरंकारी मिशन सन् 1929 से ही अपनी आध्यात्मिक विचारधारा द्वारा मानव को मानव से जोड़ने का कार्य कर रहा है। मिशन के द्वितीय सत्गुरू, बाबा अवतार सिंह जी ने सन् 1948 में संत निंरकारी मंडल की स्थापना की और उनकी पावन छत्रछाया में ही निरंकारी मिशन का प्रथम संत समागम हुआ और उसके उपरांत ही इन दिव्य संत समागमों की अविरल शृंखलाओं का आरम्भ हुआ।
सत्य, प्रेम एंव एकत्व के इस अमृत संदेश को सन् 1962 से बाबा गुरबचन सिंह जी द्वारा, 1980 से बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा, सन् 2016 से सत्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी द्वारा और वर्तमान में सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के दिव्य मार्गदर्शन में एक नई ऊर्जा एवं उत्साह के साथ निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है।
75वां वार्षिक निरंकारी संत समागमः-‘रूहानियत और इंसानियत संग संग’ का संदेश देता 75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम अपनी दिव्यता की अद्भूत छठा को बिखेरते हुए इस वर्ष बहुत ही विशाल एंव भव्य रूप में आयोजित किया जा रहा है। हम सभी के जीवन में ‘रूहानियत और इंसानियत के संग का विशेष महत्व है क्योंकि इनके आगमन से ही हमें सही अर्थ में आत्मिक संतुष्टि एंव आनंद प्राप्त होते हैं और यही इस पावन संत समागम का उद्देश्य भी है।
निरंकारी प्रदर्शनी के स्वरुप को 6 भागो में दर्शाया जायेगाः-
(1) निरंकारी प्रदर्शनीः- इस वर्ष सत्संग पंडाल के नजदीक ही ’निरंकारी प्रदर्शनी’ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें 75 वर्षों की अवधि में समागमों के विकास का सुंदर चित्रण किया जायेगा। प्रदर्शनी की तैयारियों में सैकड़ों कलाकार एंव सेवादार लगातार जुटे हुये हैं। यह प्रदर्शनी मिशन के मौलिक सिद्धान्तों एवं इतिहास के साथ-साथ समागम की महत्ता, सत्गुरु की भारत एंव दूर देशों की कल्याण यात्राओं तथा समाज कल्याण की गतिविधियों को दर्शायेगी।
(2) स्टुडियो डिवाईनः- स्टुडियो डिवाईन प्रदर्शनी में संत निरंकारी मिशन द्वारा प्रसारित अनेक प्रोडक्शन जैसे, न्यूज डिवाईन, किड्स डिवाईन, वाईस डिवाईन, भक्ति संगीत, महफिल-ए-रूहानियत, का ब्यौरा दिया जाएगा तथा मिशन के ऑफिशयल चैनल पर इन प्रोडक्शन को कैसे चलाएं और मिशन के सोशल मीडिया चैनल को किस प्रकार फोलो करें, यह जानकारी भी संत जनों को दी जाएगी। इस वर्ष संत निरंकारी मिशन द्वारा एस. एन. एम ऐप को लॉन्च किया गया, जिसके द्वारा संत जन लाईव टेलिकास्टए स्टुडियो प्रोडक्शनए भजन/गीत, पुस्तकें तथा पत्रिकाएं को अपने मोबाईल फोन पर देख आनंद प्राप्त कर सकते हैं। इस एप को किस तरह से अपने मोबाईल फोन में डाउनलोड करें तथा किस प्रकार इसका उपयोग करें, यह जानकारी भी संत जनों को दी जाएगी।
तत्पश्चात् निरंकारी स्टुडियो के इतिहास और इसके वर्तमान विस्तृत रूप को दर्शाती एक डोक्यूमेंट्री भी संतों को दिखाई जाएगी, जिसमें एक ओर स्टूडियो के सेवादारों के अनथक प्रयास एवं कोरोनाकाल जैसे मुश्किल दौर में भी उनके सेवा भाव का विवरण दिया जाएगा और दूसरी ओर निरंकारी स्टूडियो में आई तकनीकी प्रगति और आधुनिक प्रगति का ब्यौरा दिया जाएगा।
(3) बाल प्रर्दशनीः- इसी प्रदर्शनी के अंतर्गत मिशन द्वारा गत् वर्षों की भांति इस वर्ष भी ’बाल प्रदर्शनी’ का सुंदर आयोजन किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी बच्चों के द्वारा मॉडल तथा एनीमेशन के आधार पर तैयार की जा रही है जिसमें बच्चों के जीवन में मिशन के संदेश और आध्यात्मिक जागरूकता का महत्व उजागर करने का प्रयास होगा।
(4) स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग प्रर्दशनीः- निरंकारी प्रदर्शनी के अतिरिक्त मण्डल का स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग भी अपनी गतिविधियों की प्रदर्शनी लगायेगा जिसमें मानव शरीर को स्वस्थ रखने के उपायों को दर्शाया गया है। इसके साथ ही संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को विशेष मॉडलों तथा फोटो द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है। इन गतिविधियों में वननेस वन, सायवन (तलाशरी) परियोजना, रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण, सफाई अभियान, युवा एवं महिला सशक्तीकरण, शिक्षा, प्राकृतिक आपदाओं में सहायता कार्य इत्यादि प्रमुख हैं।
(5) थिएटरः -इस वर्ष थिएटर में मिशन के इतिहास को डॉक्युमेंट्री के माध्यम द्वारा दर्शाया जायेगा। इसके अतिरिक्त स्टुडियों प्रॉडक्सन, वाईस यूज सोशल मीडिया के माध्यम द्वारा एक अच्छे इंसान के गुण जीवन में कैसे आते है तथा उन्हें अपनाकर जीवन को कैसे निखारा जा सकता है उन्हें दर्शाया जायेगा। जीवन में इंसानियत रूपी दिव्य गुणों को अपनाकर उसे और बेहतर तरीके से कैसे जिया जा सकता है और एक अच्छा इंसान कैसे बना जा सकता है, उन्हें दर्शाया जायेगा।
(6) डिजाइन स्टुडियोः- डिजाइन स्टुडियों द्वारा वर्ष भर में हुए कार्यक्रमों के बैनर तथा बैक ड्राप को बनाया जाता है। इस वर्ष भी उनके द्वारा 75 वर्षों की अवधि में हुए संत समागमों के विकास का संुदर चित्रण, फोटो एंव मॉडलों के माध्यम से दर्शाया जायेगा।
पत्रिका विभागः - इस वर्ष प्रकाशन विभाग द्वारा कुल 20 स्टाल लगाये जायेंगे जिनमें 18 स्टॉल समालखा में तथा अन्य 2 स्टॉल सन्त निरंकारी कॉलोनी, दिल्ली में होंगे। यहां से सभी श्रद्धालु भक्त मिशन के साहित्य, फोटो, डायरी, कैलेंडर तथा समागम स्मारिका को प्राप्त कर सकेंगे। इस वर्ष सभी भक्तों के लिए प्रकाशन विभाग द्वारा ‘हरदेव बाणी’ के अंग्रेजी, पंजाबी और तेलगु अनुवाद भी सत्गुरु माता जी द्वारा मानवता को समर्पित किए गये।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पत्रिका विभाग भी नए सदस्यों के पंजीकरण हेतु अपना कार्यालय समागम स्थल पर स्थापित करेगा। इस अवसर पर पत्रिका विभाग द्वारा एक विशेष स्मारिका ’रूहानियत और इंसानियत संग संग’ भी प्रकाशित की जा रही है। मिशन की पत्रिका ‘एक नज़र’ का वार्षिक विशेषांक भी 75वें समागम पर जारी किया गया है।
कचरा निपटान प्रबंधनः- समागम पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हुए कचरे के निपटारन हेतु उचित प्रबंध व्यवस्था भी की गई है।
समाज कल्याण गतिविधियांः- संत निरंकारी मिशन समाज कल्याण हेतु निरंतर अनेक सेवाओं को निभाता आ रहा है जिसमें रक्तदान शिविर, निशुल्क स्वास्थ्य जांच एंव नेत्र जांच शिविर इत्यादि प्रमुख है। मिशन ने पर्यावरण संरक्षण हेतु भी अनेक अभियानों को क्रियान्वित रूप दिया है जिनमें वननेस वन, वृक्षारोपण अभियान, स्वच्छता अभियान, तलाशरी इत्यादि प्रमुख है। इसके अतिरिक्त जन कल्याणार्थ हेतु मिशन द्वारा समय समय पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संबंधित सुविधाएं, स्वच्छ पेय जल की प्रबंध व्यवस्था, शिक्षा के स्तर में और अधिक सुधार लाने हेतु विद्यालयों की देखरेख, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण केन्द्र, सिलाई एवं कढाई केन्द्र व्यापक स्तर पर चलाये जा रहे हैं ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और एक सुदंर समाज का नव निर्माण हों।
संत निरंकारी मिशन रक्तदान करने में समूचे देश में अग्रणी स्थान पर रहा है जिसके लिए उसे सम्मानित भी किया गया है। इसके अतिरिक्त संत निरंकारी मिशन का मुम्बई में एक ब्लड बैंक भी है। मिशन द्वारा अभी तक 7,359 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जा चुका है जिनसे 12,16,217 युनिट रक्त एकत्रित किया जा चुका है।
मानव कल्याण के अंतर्गत कोविड 19 के मध्य भी मिशन द्वारा सैंकड़ों निरंकारी सत्संग भवनों को कोविड-19 टीकाकरण सेंटर में परिवर्तित किया गया था। कई निरंकारी भवनों को ‘कोविड-19 ट्रीटमेंट सेंटर’ में भी परिवर्तित किया गया था। साथ ही साथ संत निरंकारी मिशन के कई सत्संग भवन काफ़ी समय से क्वारंटाईन सेंटर के रुप में, सम्बन्धित प्रशासनों को उपलब्ध कराये गए हैं जिनसे काफी संख्या में लोग लाभान्वित हुए। जनकल्याण से संबंधित यह सभी सेवाएं निरंतर रूप से जारी है।
75वां वार्षिक निरंकारी संत समागम हर प्रकार से रूहानियत और इन्सानियत के एक दिव्य समागम का प्रमाण बनकर समस्त मानवमात्र को प्रेरित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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