युवा नेता धनपति महतो का किया
भ्व्य स्वागत
धनपति महतो जिंदाबाद के उद्घोष
से गूंजा आसमां
रांची
Dr Rakesh Punj
Keshav vardaan Punj
युवा किसी भी देश और समाज में बदलाव के मुख्य वाहक होते हैं। इतिहास गवाह है कि आज तक दुनिया में जितने भी क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं, चाहे वे सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक रहे हों, उनके मुख्य आधार युवा ही रहे हैं। भारत में भी युवाओं का एक समृद्धिशाली इतिहास है। प्राचीनकाल में आदिगुरु शंकराचार्य से लेकर गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी ने अपनी युवावस्था में ही धर्म एवं समाज सुधार का बीड़ा उठाया था।
आचार्य कौटिल्य ने मगध की जनता को नंद वंश के शासन से मुक्ति दिलाने के लिए एक युवा चंद्रगुप्त मौर्य को अपना प्रमुख साधन बनाया था। पुनर्जागरण काल में राजा राममोहन राय, स्वामी दयानंद सरस्वती के साथ विवेकानंद जैसे युवा विचारक ने धर्म एवं समाज सुधार आंदोलन का नेतृत्व किया। स्वामी विवेकानंद ने तो शिकागो धर्म सम्मलेन (1893) में अपनी ओजस्वी भाषण शैली एवं विद्वता के बलबूते भारतीय धर्म-दर्शन की विजय पताका फहरा दी थी। उनके ओजस्वी भाषण के बाद पश्चिमी साम्राज्यवादी देशों के लोग भी भारतीय ज्ञान परंपरा से अचंभित हो गए थे।
ऐसे ही भारतीय राजनीति में एक उभरते युवा है, धनपति महतो ।
झारखंड को अपनी कर्मभूमि मानने वाले धनपति महतो ने आदिवादी क्षेत्र में कोविड की महामारी के दौरान रात दिन एक करके लोगो की तन मन धन से सेवा की । जिससे वहाँ की जनता के धनपति महतो मसीहा के रूप में उभरे है । देखने वाला दृश्य था जब ये युवा नेता एक दिन उन लोगो के बीच पहुंचा, क्षेत्र के लोगो ने अपने मेहबूब नेता को फूल मालाओं से लाद दिया ,धनपति महतो जिंदाबाद के उदगोश से आसमान गूंज उठा।
मिशन न्यू इंडिया और नरेंद्र मोदी विचार मंच के युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनपति महतो का झारखंड के लोगो में इस जनाधार बनता जा रहा है कि अब वो दिन दूर नहीं लगता जब वो राजनीतिक बुलन्दियों को पा कर झारखंड को जल्द ही एक नई दिशा देंगे ।
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