अगर फंसा है आपका पैसा तो बहुत बड़ी खबर, विजिलेंस ने निर्मल सिंह भंगू की पत्नी को किया गिरफ्तार
Dr Rakesh Punj
Chandigarh
पर्ल्स ग्रुप में देशभर के पांच करोड़ निवेशकों का लगभग 50 हजार करोड़ रुपये फंसा है। अब इस मामले में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने पर्ल्स ग्रुप के मालिक एवं गोल्डन फोरेस्ट (पीजीएफ) लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर निर्मल सिंह भंगू की पत्नी प्रेम कौर गिरफ्तार कर लिया है।
वह काफी समय से केस की जांच में शामिल न होकर गिरफ्तारी से बचती आ रही थी। उसे पीएसीएल लिमिटेड से संबंधित संपत्तियों को हड़पने के मामले में नामजद किया गया था। यह केस तीन साल पहले थाना सिटी जीरा फिरोजपुर में दर्ज किया गया था। आरोप है कि उसने राज्य में पीएसीएल व पीजीएफ की सहायक व समूह कंपनियों के बारे में शीर्ष अदालत के आदेश के विपरीत अपने नजदीकियों को उन्हें बेचने के लिए अधिकृत किया था।
इन कंपनियों की रह चुकी है डायरेक्टर
विजिलेंस की जांच में सामने आया है कि प्रेम कौर पीएसीएल की कई सहायक कंपनियों में डायरेक्टर रह चुकी हैं। इनमें ज्ञान सागर हेल्थ लिमिटेड, अपहिल टावर प्राइवेट लिमिटेड, मकतूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, पर्ल्स हॉस्पिटेलिटी होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, वालिया एंड मजूमदार रिलेटर्स प्राइवेट लिमिटेड, रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड, वालिया एंड मजूमदार बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, हरविंद्रा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, पर्ल्स स्पोर्ट्स वेंचर्स इंडिया लिमिटेड और पर्ल्स ब्रांड्स लिमिटेड शामिल हैं।
पति पहले ही जेल में
प्रेम कौर के पति पीजीएफ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक निर्मल सिंह भंगू को पीजीएफ/पीएसीएल लिमिटेड द्वारा संचालित चिट फंड (पोंजी) घोटाले में पहले ही सीबीआई गिरफ्तार चुकी है। उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है। इस योजना में पंजाब सहित विभिन्न राज्यों के लगभग 5 करोड़ भोले-भाले निवेशकों ने 50000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। याद रहे शीर्ष अदालत के आदेश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आरएस लोढ़ा की अगुवाई में पीएसीएल लिमिटेड की संपत्तियों की पहचान करने और उनकी बिक्री से प्राप्त आय को उन निवेशकों को वापस करने के लिए एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया गया था।
इस तरह की भूमिका रही है केस में
प्रेम कौर ने पंजाब में पीएसीएल लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनियों/समूह कंपनियों से संबंधित संपत्तियों को बेचने में अहम भूमिका निभाई थी। 25 जुलाई 2016 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन करते हुए उसने पीएसीएल लिमिटेड से संबंधित संपत्तियों को बेचने के लिए अपने एक नजदीकी को अधिकृत किया था। जबकि सर्वोच अदालत ने इस कंपनी देश के अंदर या बाहर संपत्ति के बेचने पर पाबंदी लगाई थी।
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