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शनिवार, 2 सितंबर 2023

INDIA गठबंधन का सबसे बड़ा सिरदर्द, सीट बंटवारे पर आखिर कहां फंस रहा पेच?

 INDIA गठबंधन का सबसे बड़ा सिरदर्द, सीट बंटवारे पर आखिर कहां फंस रहा पेच?

Chandigarh

Keshav vardaan Punj

Dr Rakesh Punj 


लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में आने से रोकने के लिए विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ हरसंभव कोशिश कर रहा है. विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक मुंबई में चल रही है, जहां पर सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय करना सबसे अहम मसला है.

लोकसभा चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर असल समस्या विधानसभा चुनाव को लेकर है. अखिलेश यादव, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और केजरीवाल सहित गठबंधन के ज्यादातर नेता चाहते हैं कि जल्द के जल्द सीट शेयरिंग फॉर्मूला तक कर लिया जाए, लेकिन कांग्रेस पशोपेश में फंसी हुई है.

कांग्रेस की मंशा विधानसभा चुनाव के बाद सीट बंटवारे की है. कांग्रेस आलाकमान का मत है कि 2023 में होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद ही सीट शेयरिंग पर चर्चा हो. दरअसल कांग्रेस रणनीतिकारों का अंदाजा है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्य में उसकी जीत की प्रबल संभावना है. कांग्रेस अगर इन राज्यों में चुनावी जंग फतह करके सत्ता में आती है तो जाहिर तौर फिर गठबंधन में उसका पलड़ा भारी होगा.

कांग्रेस के लिए कैसे राज्य में बनी टेंशन?

सूत्रों की मानें तो मौजूदा परिस्थितियों में विपक्षी गठबंधन INDIA में सीट बंटवारा होता है तो कांग्रेस को चुनावी राज्यों में घटक दलों के लिए सीटें छोड़नी पड़ सकती है.सपा यूपी में कांग्रेस के लिए सीट देगी तो उसके बदले राजस्थान और मध्य प्रदेश में सीटों की भागेदारी चाहेगी. इस तरह से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली-पंजाब में सीट देने के बदले में कांग्रेस से हरियाणा और राजस्थान में सीट की उम्मीद पाल रखी हैं. इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल और बिहार में भी सीट बंटवारे का मामला है. INDIA के बीच सीट बंटवारे को लेकर आम राय बनाना किसी पहेली को सुलझाने से कम नहीं है.


आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुंबई बैठक में कहा कि ये लोग (सरकार) विधानसभा चुनावों के साथ ही लोकसभा चुनाव भी करना चाहते हैं. सीट शेयारिंग के लिए अलग मेकेनिजम बनाया जाए और सीट शेयरिंग पर फैसला 30 सितंबर तक कर लिया जाए.


वन-टू-वन कैंडिडेट उतारने का प्लान


विपक्षी गठबंधन बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि वन-टू-वन फाइट यानि एक सीट पर एक ही उम्मीदार खड़े करने की. एनडीए गठबंधन के खिलाफ INDIA का एक ही उम्मीदवार मैदान में उतरे. हालांकि, बैठक में चर्चा के दौरान ये बात भी सामने आई कि सियासी रूप से पूरी तरह यह संभव भी नहीं है. ऐसे में जहां भी ‘INDIA’ के कुछ अन्य दल भी आपस में एक दूसरे के सामने खड़े हों और चुनाव लड़ते तो कोई दिक्कत नहीं है. इसे स्वस्थ राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के तौर पर माना जाए. यह बात पश्चिम बंगाल और केरल के मद्देनजर कही जा रही है, क्योंकि केरल में कांग्रेस और लेफ्ट के बीच मुकाबला है तो बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस-लेफ्ट के बीच आमने-सामने की लड़ाई है.

INDIA ने चिन्हित कर रखी हैं 450 सीटें

विपक्षी गठबंधन INDIA की ओर से बीजेपी के खिलाफ साझा उम्मीदवार उतारने के लिए 450 सीटें चिह्नित कर रखी हैं. बीजेपी ने ये सीटें 2019 चुनाव के आधार पर पहचानी हैं. 2019 में जो पार्टी जो सीटें जीती थी, वो सीटें उसे दी ही जाएं. साथ ही जिन सीटों पर जिस पार्टी के उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे थे, वो सीटें भी उसी पार्टी को दी जाएं. इस तरह से बीजेपी कैंडिडेट के खिलाफ विपक्ष का एक संयुक्त उम्मीदवार मैदान में होगा.

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 422 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी थी. कांग्रेस के 52 सांसद चुने गए थे. कांग्रेस 209 सीटें पर दूसरे और 99 सीटों पर तीसरे स्थान रही थी. टीएमसी ने 63 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर 22 सीटें जीती थीं. टीएमसी के उम्मीदवार 19 सीटों पर दूसरे और तीन सीटों पर तीसरे स्थान पर रहे थे. सपा 36 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और पांच सीटें जीती थी, जबकि 31 सीट पर नंबर दो पर रही थी. 2019 में सपा ने कांग्रेस और आरएलडी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित कई सूबे में लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन पंजाब से महज एक सीट ही उसे मिली थी.

INDIA गठबंधन का सबसे बड़ा सिरदर्द, सीट बंटवारे पर आखिर कहां फंस रहा पेच?
  • Title : INDIA गठबंधन का सबसे बड़ा सिरदर्द, सीट बंटवारे पर आखिर कहां फंस रहा पेच?
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  • Date : सितंबर 02, 2023
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