500 वर्ष उपरांत बरनाला में मनाई जाएगी दीपावली
राम मंदिर निर्माण से शहर में उत्सव का माहौल
गीता भवन बरनाला में हुई बैठक
त्रेता युग का अहसास,22 जनवरी 2024 को घर घर मनेगी दीपावली श्री गीता भवन बरनाला में बैठक का आयोजन
केशव वरदान पुंज
बरनाला
देश भर में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए ‘अक्षत निमंत्रण महा अभियान’ चल रहा है। जिसके तहत RSS और VHP के कार्यकर्ता घर-घर जाकर राम मंदिर के उद्घाटन के उपलक्ष में अक्षत दे रहे हैं। निर्माणाधीन मंदिर के गर्भगृह में 22 जनवरी, 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। ये अक्षत ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट द्वारा भेजे गए हैं। नए साल के साथ ही ये महा अभियान शुरू हो गया था।
भगवान राम 500 वर्षों के वनवास के बाद अपने घर में लौट रहे हैं। ऐसे में घर-घर जाकर हिन्दुओं से कहा जा रहा है कि वो प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अपने आसपास के मंदिर में पहुँचें और वहीं से इस कार्यक्रम का हिस्सा बनें। अक्षत के साथ ट्रस्ट द्वारा भेजा गया सन्देश भी लोगों को दिया जा रहा है। साथ ही राम मंदिर की तस्वीर है, जिसे घर में लगाने के लिए कहा गया है
इसी उपलक्ष में पंजाब के जिला बरनाला में भी सभी धार्मिक संस्थाओं ,सामाजिक संस्थाओं, मंदिर कमेटियों ,कीर्तन मंडलियों, लंगर कमेटियों और सभी रामभक्तो द्वारा मिलकर बरनाला के अंदर भव्य कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए सभी संस्थाओं की विशाल बैठक गीता भवन बरनाला में हुई ,बैठक में विशेष तौर पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र पंजाब प्रांत के सहसंयोजक एवं गौ सेवा प्रमुख माननीय चंद्रकांत जी और सेवा भारती के प्रांत सह संयोजक श्री संजीव जी ने शिरकत की ।
कार्यक्रम की शुरुआत जय श्री राम के उधगोष के साथ नगर कार्यवाह एडवोकेट दीपक जिंदल ने की ।
इस अवसर पर श्री चंदरकांत जी ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में सबका मार्गदर्शन किया । उन्होंने कहा कि सभी भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बने उन्होंने कहा कि 500 वर्ष के वनवास के बाद प्रभु राम अपने घर आएंगे और पूरे संसार में दीप माला होगी उन्होंने कहा कि सभी मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया जाए और दीप माला की जाए l
अपने संबोधन में श्री चंद्रकांत ने शहरवासियों बताया कि ये ‘अक्षत निमंत्रण’ क्या होता है। उन्होंने बताया कि अक्षत का शाब्दिक अर्थ है – जिसका क्षय न हो। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन में मृत्यु के पश्चात ‘राम नाम सत्य है’ कहा जाता है, श्रीराम के रूप में मरने के बाद भी हम बने रहते हैं। उन्होंने कहा कि अक्षत आत्मा का ध्यान कराता है। उन्होंने समझाया कि ट्रस्ट ने इसका प्रतिनिधित्व दर्शाया है कि ऐसा मंदिर बने जो कभी नष्ट न हो। निर्माण में भी इसका ध्यान रखा गया है।
श्री चंद्रकांत ने कहा कि भगवान के साथ हमारे अनंत संबंध होने, मंदिर के सनातन होने का प्रतीक ये अक्षत है। धान के ऊपरी हिस्से के निकल जाने के बाद जो चावल बचता है, अक्षत में उसका उपयोग किया जाता है। कहीं-कहीं हल्दी, सुपारी और तुलसी दल का प्रयोग भी किया जाता है।
उन्होंने समझाया कि गोस्वामी तुलसीदास ने भगवान श्रीराम को दही-भात खाते हुए देखा था, इसीलिए इसे महाप्रसाद भी कहा गया। उन्होंने कहा कि अक्षत के माध्यम से जो न्योता दिया जा रहा है, वो ईश्वर की अंतरात्मा का प्रतिनिधित्व कर रहा है, धान का ये हिस्सा धन्यता की ओर ले जाए इसकी कामना की जाती है। शादी-विवाह में भी धान का इस्तेमाल होता है, ताकि धन्यता बनी रहे। इसीलिए, अक्षत के माध्यम से निमंत्रण दिया जा रहा है।
राम मंदिर के उद्घाटन के समय पर आपत्ति करने वालो को श्री चंद्रकांत ने बताया कि रामलला की मूर्ति स्थापित करने के लिए क्यों चुना गया 22 जनवरी का दिन?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार 22 जनवरी को पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। नक्षत्र मृगशिरा व योग ब्रह्म सुबह 8 बजकर 47 मिनट तक है, इसके बाद इन्द्र योग लगेगा। ज्योतिषियों के अनुसार 22 जनवरी को कर्म द्वादशी है। यह द्वादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण किया था। धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार लेकर समुद्र मंथन में सहायता की थी। भगवान श्री राम भगवान विष्णु के अवतार हैं, इसलिए इस दिन को राम मंदिर के उद्घाटन के लिए बेहद शुभ माना गया है और इसी दिन को चुना गया है।
ज्योतिषियों के मुताबिक 22 जनवरी को कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन तीन शुभ योग बन रहे हैं, अभिजीत मुहूर्त, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग। यह दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इन योगों में कोई भी कार्य करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के कार्यों में सफलता मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, अभिजीत मुहूर्त, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग के दौरान प्रभु श्री राम का जन्म इन्हीं शुभ मुहूर्त के दौरान हुआ था, इसलिए अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी का दिन चुना गया है।
इस अवसर पर आचार्य श्रीनिवास जी प्रदेश अर्चित पुरोहित ,स्वामी सहज प्रकाश जी , विरसा संभाल मंच के प्रांत संयोजक श्री राम कुमार व्यास जी , भाजपा नेता श्री धीरज दधाहुर, विश्व हिंदू परिषद के यशपाल शर्मा, गीता भवन ट्रस्ट के बसंत कुमार गोयल,मिशन न्यू इंडिया के राष्ट्रीय महामंत्री डा राकेश पुंज,श्री राजेंद्र गार्गी ,श्री भारत मोदी, बजरंग दल के पंजाब सह संयोजक नीलमणि समाधिया ,श्री महाशक्ति कला मंदिर के जिमी मित्तल ,अनिल दत्त जी , प्रवीण सिंगल , सुभाष जिंदल, भाजपा जिला अध्यक्ष यादविंदर shanti,राहुल बाली,भाजपा नेता संदीप जेठी,भाजपा नेता एडवोकेट विशाल शर्मा ,म्यूजिक डायरेक्टर विनोद शर्मा और डॉक्टर सतीश कुमार आदि उपस्थित थे।
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