बच्चों में 31 जन्मजात विकृतियों का आरबीएसके के तहत किया जाता है नि:शुल्क इलाज: डॉ. सीमा गर्ग
होशियारपुर = दलजीत अजनोहा
सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार डमाणा के दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सीमा गर्ग ने आरबीएसके के तहत बच्चों में जन्मजात दोषों की प्रारंभिक चरण में पहचान, रोकथाम और उपचार प्रबंधन के बारे में ब्लॉकों के मेडिकल अधिकारियों और डिलीवरी प्वाइंट पर काम करने वाली स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षण दौरान जागरूक किया।
डॉ. सीमा गर्ग ने जन्मजात दोषों के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि बच्चों के जन्मजात दोषों में रीढ़ की हड्डी में सूजन, डाउन सिंड्रोम, कटे होंठ और कटे तालु, क्लब फीट, श्रोणि का अनुचित विकास, जन्मजात बहरापन, जन्मजात हृदय रोग शामिल हैं। इसमें जन्मजात मोतियाबिंद और समय से पहले जन्मे शिशुओं में रेटिना संबंधी दोष शामिल हैं। बच्चों में ऐसे 31 जन्मजात दोष होने पर सरकार के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत उच्च स्वास्थ्य संस्थानों से नि:शुल्क इलाज कराया जाता है।
डॉ. गर्ग ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि अगर गर्भवती महिला को शराब पीने, धूम्रपान करने का इतिहास रहा हो या मां को मधुमेह या मोटापा हो तो पैदा होने वाले बच्चों में ऐसे जन्मजात दोष होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान शामिल चिकित्सा अधिकारियों एवं स्टाफ नर्सों को स्वास्थ्य संस्थानों में प्रत्येक प्रसव स्थल पर नवजात शिशुओं के 9 जन्मजात दोषों की जांच करने को कहा ताकि समय रहते दोष की पहचान कर उसका प्रबंधन किया जा सके।
डॉ. सीमा गर्ग ने यह भी कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पंजीकृत जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों में जन्म दोष, कमियों, बचपन की बीमारियों, विकासात्मक देरी सहित विकलांगताओं का शीघ्र पता लगाने के लिए आरबीएसके टीमों की जांच की जाती है और इन 31 दोषों के साथ संबधित बच्चों के लिए मुफ्त उपचार प्रबंधन प्रदान किया जाता है।
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