गैर इरादतन हत्या के मामले में एक आरोपी को बरी और एक आरोपी को 10 साल की सजा और 1,00,000/- रुपये का जुर्माना
संजीव गर्ग काली
बरनाला
माननीय न्यायालय श्री कपिल देव सिंगला, अतिरिक्त सेशन्स न्यायाधीश साहिब, बरनाला, श्री चंद्र बांसल (धनौला), वकील मनदीप सिंह उर्फ चित्तू पुत्र लछमण सिंह निवासी बाल्मीक मंदिर, अनाज मंडी धनौला को मुकदमा नंबर 128 दिनांक 07 -09-2020, जेर धारा 307/326/324 /458/34 आईपीसी, थाना धनौला को बरी करने का आदेश दिया गया है तथा सरकारी वकील बलदेव दियोल की दलीलों से सहमत होते हुए आरोपी जस्सा सिंह उर्फ बिल्ला को 10 साल की कैद और 1,00,000/- रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि मोनिका रानी पुत्री मंगत राम निवासी दाना मंडी धनौला ने 07-09-2020 को पुलिस को अपना बयान लिखाया कि वह राजगढ़ रोड पर स्थित एक गत्ता फैक्ट्री में काम करती है और उक्त पते पर अकेली रहती है और हमेशा की तरह वह अपनी रोटी और पानी खाकर और अपने घर के अंदर बनी झोपड़ी में सो रही थी, तभी रात को उसका पड़ोसी बिल्ला उर्फ जस्सा पुत्र गुरचरण सिंह निवासी धनौला, जिसके हाथ में गंडासा था। उसके बिस्तर पर आकर बैठ गया जिसके बाद मोनिका रानी ने शोर मचाने की कोशिश की तो उक्त जस्सा सिंह उर्फ बिल्ला ने कहा कि बाहर मेरे साथ दो आदमी खड़े हैं, जिनमें से एक मनदीप सिंह उर्फ चित्तू है। इसके बाद जस्सा सिंह उर्फ बिल्ला ने मोनिका रानी का मुंह बंद कर दिया और अपने हाथ में ली हुए गंडासे से मोनिका रानी को जान से मारने की नियत से मारना शुरू कर दिया, जो उसके कंधे, गर्दन और कई अन्य जगहों पर लगा और बाद में आरोपी वहां से भाग गया. जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ जानबूझकर हत्या की धारा के तहत माननीय न्यायालय में चालान पेश किया. दोनों अभियुक्तों ने अपने मामले की पैरवी के लिए अलग-अलग वकील नियुक्त किये। जिसे माननीय न्यायालय द्वारा अभियुक्त मनदीप सिंह उर्फ चित्तू के वकील श्री चन्द्र बंसल एडवोकेट (धनौला) के तर्कों से सहमत होते हुए कहा गया कि मनदीप सिंह उर्फ चित्तू की पुलिस द्वारा मोनिका रानी से पहचान परेड नहीं करायी गयी। पुलिस को दिए गए उसके बयान में मनदीप सिंह उर्फ चित्तू का नाम नहीं लिया गया था लेकिन पुलिस ने आरोपी जस्सा सिंह उर्फ बिल्ला के अनुरोध पर ही मनदीप सिंह उर्फ चित्तू को मामले में आरोपी के रूप में नामित किया था। आरोपी मनदीप सिंह उर्फ चित्तू को उक्त मामले में बरी करने का आदेश दिया गया और आरोपी जस्सा सिंह उर्फ बिल्ला को 10 साल की कैद और 1,00,000/- रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।
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