सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू का अपमान करना शर्मनाकः : तीक्ष्ण सूद
कहा : पहले भी गांधी परिवार संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को दिखाता रहा है नीचा:
होशियारपुर / दलजीत अजनोहा
पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया हैं कि लोकसभा के बजट सत्र का प्रारम्भ हमेशा ही माननीय राष्ट्रपति के अविभाषण से आरम्भ होता हैं ,लोकतांत्रिक माननताओं के अनुसार इस बार भी लोकसभा का बजट सेशन माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के अविभषण से आरम्भ हुआ ,जो कि कांग्रेस के नेता पचा नहीं पाए। अविभाषण के तुरंत बाद श्रीमती सोनिया गांधी जो कि कांग्रेस की राज्य सभा सदस्य तथा उच्च पदों पर विराजमान रहते हैं ने मीडिया के सामने राष्ट्रपति पर अभद्र व अपमानजनक टिप्पणी की उन्होंने माननीय राष्ट्रपति की अवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह एक थकी हुई औरत के समान बोल रही थी। राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद हमेशा ही हमारे देश में सर्वमान्य तथा सम्मानीय रहे हैं। उसके खिलाफ अभद्र टिप्पणी करना एक तरह से देश की प्रभुसत्ता के साथ अभद्र तथा अवमानना वाला माना जाता हैं। उन्होंने कहा कि यह पहले मौका नहीं हैं कि गाँधी , नेहरू परिवार के प्रमुख्य नेताओ ने उच्च पदों पर बैठे लोगो के बारे में ऐसे कटाक्ष या अभद्र व्यवहार किया हो । इससे पहले भी श्री राहुल गाँधी ने अपनी ही सरकार के प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह को नीचा दिखाने के लिए लोकसभा के सदन में ही उनकी सरकार द्वारा पारित किये गए अधिनियम के प्रति फाड़ फेंकी थी। प्रधानमंत्री श्री नरेदर मोदी के प्रति भी राहुल गाँधी की भाषा हमेशा अभद्रता वाली ही रही हैं। अपने अखिल भारतीय अध्यक्ष को भी नीचा दिखाने से वह नहीं चुकते। उससे पहले प्रधानमंत्री श्री नरसिम्हा राव को भी इस परिवार द्वारा किये अपमान का सामना करना पड़ चुका हैं। श्री सूद ने कहा कि श्रीमती सोनिया गाँधी तथा नेहरू गाँधी परिवार के लोगों द्वारा सविधानिक पदों पर बैठे लोगों ओर खास करके राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपती मुर्मू के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग करना अत्यंत शर्मनाकः हैं । श्रीमती सोनिया गाँधी को अपने इस घटिया व्यवहार के लिए राष्ट्र से माफ़ी मांगनी चाहिए।
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