सिविल अस्पताल होशियारपुर में खोला जाए डे-केयर कैंसर सेंटरः डा. अजय बग्गा
होशियारपुर / दलजीत अजनोहा
कैंसर के मरीजों को राहत देने के लिए भारत सरकार साल 2025-26 दौरान देश के 200 जिला स्तरीय अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर, खोलने जा रही है। डे-केयर कैंसर सैंटर में कैंसर के मरीज कीमोथैरेपी करवा सकेंगे। मौजूदा समय दौरान होशियारपुर में कैंसर अस्पताल तथा डे-केयर सैंटर न होने के कारण मरीजों को कीमोथैरेपी के लिए अन्य शहरों में जाना पड़ता है। सामाजिक जागरुकता हेतु कार्यरत संस्था सवेरा के पदाधिकारियों, डा. अजय बग्गा, डा. सरदूल सिंह, हरीश सैनी, डा. अवनीश ओहरी तथा संदीप शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों सोम प्रकाश व विजय सांपला तथा पंजाब के पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद एवं पूर्व सांसद अविनाश राय खन्ना से अपील की कि सिविल अस्पताल होशियारपुर में डे-केयर कैंसर केयर सैंटर खुलवाने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ बात करें। उन्होंने लोकसभा हलका होशियारपुर से सांसद डा. राज कुमार एवं हलका विधायक ब्रमशंकर जिम्पा से भी अपील की कि वह राज्य सरकार के माध्यम से अस्पताल में सैंटर खुलवाने के लिए इस संबंधी प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने के लिए प्रयास करें।
डा. अजय बग्गा ने बताया कि एक दशक से पहले तत्कालीन केन्द्रीय राज्य मंत्री संतोष चौधरी ने टरशरी कैंसर केयर सैंटर की बुनियाद रखी थी, पर बाद में यह सैंटर राजनीति की भेंट चढ़ गया। डा. बग्गा ने पंजाब सरकार से अपील की कि कैंसर के जो मरीज आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करवा रहे हैं, उनको मुख्यमंत्री राहत कोष से 1.5 लाख रुपये देने की सहूलत को भी जारी रखा जाए। क्योंकि, कैंसर के इलाज में परिवार का लाखों रुपये का खर्च हो जाता है। अमीर लोग तो अपनी जेब से रुपये खर्च करके इलाज करवा लेते हैं, परन्तु गरीब परिवार आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का इलाज करवाकर घर बैठ जाते हैं। जिस कारण कैंसर को पूरी तरह से हराया नहीं जाता। डा. बग्गा ने वर्ष 2025 में कैंसर-डे के इस साल के थीम का जिक्र करते हुए कहा कि इसका थीम कैंसर के मरीज के इलाज में असमानता को घटाने पर ध्यान केन्द्रित करना तथा सभी कैंसर मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाएं उन तक पहुंचाई जानी यकीनी बनाना है। इस थीम को पूरा करने के लिए जरुरी है कि पंजाब में रहने वाले कैंसर मरीजों को आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख रुपये तक के इलाज की सहूलत के साथ-साथ मुख्यमंत्री राहत कोष में से 1.5 लाख रुपये की सहायता भी जारी रखी जाए।
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