करीमपुरी के नेतृत्व में बसपा द्वारा जनहित के लिए चलाए गए संघर्ष से सरकार की नींद खुली।
# बीएसपी पंजाब को आर्थिक, स्वास्थ्य, शैक्षणिक रूप से मजबूत करने और नशे के खिलाफ आंदोलन शुरू करने के लिए 15 मार्च को फगवाड़ा में 'पंजाब बचाओ' रैली करेगी। करीमपुरी
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
डॉ. अवतार सिंह करीमपुरी ने बसपा पंजाब के अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद जिस तरह से लोगों के हितों के लिए संघर्ष शुरू किया और बेरोजगारी, महंगाई, नशे से रोजाना हो रही मौतें, अवैध खनन, पंजाब में दलितों पर अत्याचार, पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना, कमीशन का मुद्दा, पंजाब की आर्थिक गरीबी आदि अनेक मुद्दों पर संघर्ष को तेज किया, उससे सरकार तीन साल बाद जागी है और सरकार बनने के तीन महीने के भीतर पंजाब को नशा मुक्त करने की घोषणा करने वाली सरकार को तीन साल बाद नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाकर पंजाब को नशा मुक्त बनाने की याद आई है। इन विचारों की अभिव्यक्ति
बहुजन समाज पार्टी के पंजाब अध्यक्ष राज्य सभा के पूर्व सदस्य डाक्टर अवतार सिंह करीमपुरी ने जालंधर, बंगा, फिल्लौर, नकोदर, बलाचौर, चंडीगढ़ राज्य यूटी में बड़ी सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली जैसे डूबते जहाज को देखने के बाद पंजाब सरकार को नशे के कारण पंजाब की संस्कृति का विनाश दिखाई देने लगा है, लेकिन सरकार को पिछले तीन वर्षों में नशे के कारण पंजाब के अधिकारियों की अनगिनत मौतों के लिए 2027 में पंजाब के लोगों को हिसाब देना होगा। उन्होंने कहा कि बसपा 15 मार्च को फगवाड़ा में एक बड़ी रैली करके पंजाब के लोगों को अपने बेटों को नशे से बचाने तथा पंजाब को आर्थिक, स्वस्थ व शैक्षणिक रूप से मजबूत बनाने के लिए लामबंद करके एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब के लिए विदेशों में रोजगार के दरवाजे बंद हो रहे हैं। 50 लाख रुपये खर्च करके अपनी जमीनें और घर बेचकर तथा छह महीने भूखे-प्यासे जंगलों में गुजारने वाले पंजाबियों को अब अपराधियों की तरह पैरों में बेड़ियां डालकर वापस लाया जा रहा है, जिसके लिए केंद्र व पंजाब सरकार जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि आप, कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल, ये सभी सामंती, सांप्रदायिक और जातिवादी विचारधारा वाली पार्टियां बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर की विचारधारा के विपरीत दलितों और पिछड़ों के खिलाफ नीतियां बनाई जा रही हैं। जिसका प्रमाण यह है कि सरकार द्वारा नियुक्त निगमों के मेयर, मंडी बोर्ड, जिला परिषद अध्यक्ष आदि पदों पर दलितों व पिछड़ों के लिए कोई स्थान नहीं है। करीमपुरी ने कहा कि आप पार्टी ने आरक्षण खत्म करके दलितों और पिछड़ों की राजनीतिक हत्या की है। अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग को सात राज्यसभा सीटों पर कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि एससी आयोग के चेयरमैन का पद अभी भी रिक्त है, जिसके कारण पंजाब में अनुसूचित जातियों पर बड़े पैमाने पर धार्मिक व सामाजिक अत्याचार हो रहे हैं और कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रमुख प्रशासनिक पदों पर भी अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों की अनदेखी की जा रही है।
करीमपुरी ने कहा कि बसपा संस्थापक साहिब कांशी राम की जयंती के अवसर पर दाना मंडी फगवाड़ा में एक विशाल समागम किया जाएगा, ताकि महंगाई, बेरोजगारी, नशे तथा सरकार द्वारा अनुसूचित जातियों व पिछड़े वर्गों के साथ किए जा रहे सामाजिक भेदभाव के खिलाफ बसपा द्वारा पंजाब में शुरू किए गए आंदोलन को तेज किया जा सके। उन्होंने सभी पंजाबियों से आह्वान किया कि वे भ्रष्ट व्यवस्था को बदलने, पंजाब की अर्थव्यवस्था को और अधिक कुशल बनाने, मजदूरों और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने, शिक्षा और स्वास्थ्य संस्थाओं को सही दिशा में लाने, पंजाब से भ्रष्टाचार और नशे को खत्म करने के लिए आपस के सभी मतभेद भुलाकर एकजुट होकर पंजाब में तीसरे विकल्प के रूप में बहुजन समाज पार्टी को लाने का काम करें।
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