संत गुरचरण सिंह पंडवा को निर्मल भेख रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया
*संत गुरचरण सिंह पंडवा को उनके द्वारा की जा रही जनहित सेवाओं के लिए निर्मल भेख रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।
फगवाड़ा/होशियारपुर /दलजीत अजनोहा
/युवा वर्ग को नशे की दलदल से बचाकर गुरु चरणों से जोड़ने, गरीब व जरूरतमंद लड़कियों की शादियां करवाने, लड़कियों की लोहड़ी डलवाने, प्राकृतिक आपदाओं व महामारी के दिनों में फगवाड़ा शहर व क्षेत्र के गांवों में फॉगिंग करवाने, गुरबाणी का प्रचार कर संगत को गुरु वाले बनने की प्रेरणा देने, निर्मल भेख के हीरे तप अस्थान निर्मल कुटिया छंबवाली पंडवा के मुख्य सेवक संत गुरचरण सिंह पंडवा को उनके द्वारा की जा रही जनहित सेवाओं के लिए निर्मल भेख रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इस संबंध में जानकारी देते हुए संत गुरचरण सिंह पंडवा व अन्य ने बताया कि श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में 1008 स्वामी ज्ञान देव जी वेदांत आचार्य निर्मल पंचायती अखाड़ा कनखल हरिद्वार ने उन्हें निर्मल भेख रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा दी जा रही सेवाओं को देखते हुए निर्मल भेख
गुरमत और गुरबानी के प्रचार-प्रसार को बढ़ाने के लिए साधु समुदाय की ओर से प्रशंसा की गई और संत गुरचरण सिंह पंडवा को निर्मल भेख रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। प्राचीन निर्मल महामंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व डेरा गुरुसर खुडा के मुख्य सेवादार संत बाबा तेजा सिंह जी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि संत गुरचरण सिंह पंडवा वालों की ओर से निर्मल भेख की उन्नति के लिए पहले भी बहुत काम किया है और आगे भी कर रहे हैं। जिन में हर रविवार को निर्मल कुटिया में श्री सुखमनी साहिब का भोग डाला जाता है, अरदास के उपरांत कथा का आयोजन होता है। हर माह संग्रांद के अवसर पर अखण्ड जाप के भोग डाले जाते हैं। खुले पंडालों में वे लोगों के साथ गुरबाणी कथा और विचार साझा करते हैं। हरवर्ष, धन्य सतगुरु श्री गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई जाती है। सभी गुरुओं के पर्व दिवस मनाए जाते हैं, सभी भक्तों के अवतार दिवस मनाए जाते हैं, बाबा जी खुडा वाले ने कहा कि
हर वर्ष भाटों की याद में एक त्यौहार मनाया जाता है। श्री गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई जाती है, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मनाई जाती है, और हर साल जनवरी में माघी का पवित्र दिन मनाया जाता है। वैसाखी का त्यौहार हर वर्ष मनाया जाता है। ब्रह्मलीन संत दलेल सिंह जी और संत मोनी जी की पुण्यतिथि समारोह हर वर्ष
दिसंबर के महीने में बड़े प्रेम और भक्ति के साथ मनाया जाता है। संत करम सिंह होती मर्दांन वाले, संत हरनाम सिंह जियान वाले, संत सतनाम सिंह, बावा सिंह जी महाराज और अन्य संतों की जयंती भी मनाई जाती है। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में दुनिया भर से संत महापुरुष और भक्तजन भाग लेते हैं।
और संत महापुरुषों से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इन आयोजनों के दौरान हर प्राणी को गुरु वाले बनने और सिख धर्म का प्रचार करने के लिए तन-मन-धन से सेवा कर रहे संत गुरचरण सिंह पांडवा को निर्मल भेख रत्न अवार्ड मिला है। इस अवसर पर संत सुखवंत सिंह जी नाहलां वाले, संत सुखदेव सिंह जी डेरा गुरसरू खुड्डा वाले, संत जसविंदर सिंह कुठारी, संत भगवंत भजन सिंह दकोहा शास्त्री, संत हरकृष्ण सिंह ठक्करवाल, संत गुरनाम सिंह, संत राज गिरी सिंह जी, संत बचितर सिंह अमृतसर, गुरचरण सिंह बड़ों, संत हरप्रीत सिंह हरी, संत भाग सिंह, सूरा सिंह कवांवाली व अन्य ने संत गुरचरण सिंह जी पडवा वाले को निर्मल भेख रत्न अवार्ड से सम्मानित होने पर बधाई दी।
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