राज्य में 124 लाख मीट्रिक टन गेहूं की फसल हुई: लाल चंद कटारूचक
मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को फसलों के नुकसान की जांच करने के दिए निर्देश, हर नुकसान की की जाएगी भरपाई
पंजाब भर की मंडियों में 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक, 33.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीद, किसानों के खाते में जमा हुए 3200 करोड़ रुपये
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक ने सोमवार को कहा कि राज्य में इस सीजन के दौरान गेहूं की अच्छी फसल हुई है, इसलिए केंद्रीय पूल यानी 124 लाख मीट्रिक टन गेहूं का लक्ष्य निर्विघ्न प्राप्त किया जा सकता है।
मंत्री ने भरोसा दिलाया कि किसानों के हर नुकसान की भरपाई पंजाब सरकार द्वारा की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पहले ही उपायुक्तों को हाल ही में आई आंधी, शॉर्ट सर्किट और ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
दसूहा अनाज मंडी में विधायक करमबीर सिंह घुम्मन के साथ चल रही खरीद का जायजा लेते हुए, मंत्री ने कहा कि अब तक पंजाब भर की मंडियों में 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है, जिसमें से 33.50 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली गई है और किसानों के खातों में 3200 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने चल रही खरीद का निरीक्षण करने के लिए राज्य की मंडियों का दौरा करते हुए पाया कि फसल की खरीद सुचारू रूप से हो रही है क्योंकि राज्य सरकार ने विस्तृत प्रबंध सुनिश्चित किए हैं।
किसानों को भुगतान का हवाला देते हुए, लाल चंद कटारूचक ने कहा कि राज्य सरकार खरीद के 24 घंटे के अंदर-अंदर भुगतान कर रही है और फसल की ढुलाई में कोई देरी नहीं हो रही है। पंजाब सरकार को 28894 करोड़ रुपये की नकद क्रेडिट सीमा प्राप्त हुई है और भुगतान में कोई देरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को कोई समस्या नहीं आएगी क्योंकि सभी सुविधाएं और तैयारियां पहले ही पूरी कर ली गई थीं। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों, खरीद एजेंसियों और अन्य हितधारकों को आवश्यक बारदाने, तिरपाल और क्रेट सहित उचित व्यवस्था करने के लिए कहा गया है ताकि खराब मौसम की स्थिति में फसल की सुरक्षा की जा सके।
जिले की मंडियों में फसल की आवक के बारे में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि आज तक 22898 मीट्रिक टन गेहूं पहुंचा है, जिसमें से लगभग 21521 मीट्रिक टन खरीदा गया है और 25.54 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों के खातों में किया गया है।
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