किडनी फैल होने के पीछे ईशान कोण के वास्तु दोष कारक /डॉ भूपेंद्र वास्तुशास्त्री
होशियारपुर/दलजीत अजनोहा
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वास्तुविद एवम लेखक डॉ भूपेंद्र वास्तुशास्त्री ने बताया कि भवन के वास्तु दोष व्यक्ति को असाध्य रोग दे देती हैं इस असाध्य बीमारी की वजह से व्यक्ति को मरण तुल्य कष्टों का सामना करना पड़ता है। किसी भी भवन में ईशान कोण में गंभीर वास्तुदोष है तो वहां से रोग कभी जाते ही नहीं हैं, ईशान के वास्तु दोषों में परिवार के सभी सदस्य चपेट में आ जाते है लेकिन सबसे ज्यादा परेशानियां छोटे बच्चों को झेलनी पड़ती हैं। ईशान कोण का स्वामित्व बृहस्पति के पास होता हैं ईशान में किसी भी प्रकार के दोष हैं तो देव गुरु बृहस्पति के बुरे प्रभाव किडनी पर पड़ने लगेगा, ईशान कोण के साथ आग्नेय कोण में गंभीर वास्तुदोष है तो दैत्य गुरु शुक्राचार्य की भूमिका भी रोग कारक हो जाएगी। शुक्र ग्रह डायबिटीज जनित रोग देकर के मानव जीवन को नारकीय बना देता है।नेरीतय कोण का स्वामी ग्रह मायावी राहु रोगों को लंबा करने में माहिर हैं। साथ ही सफल इलाज में बाधक भी बन जाता है।इसके साथ दक्षिण दिशा दूषित है तो दक्षिण का स्वामी मंगल शल्य चिकित्सा में धकेल देगा। वायव्य कोण उतर दिशा ओर भी ईशान के साथ दूषित है तो किडनी फैल का शिकार कोई महिला भी हो सकती हैं इसलिए यहां यह कहावत चरितार्थ होती हैं कि _कुछ वास्तु को जानते नहीं।।कुछ जान बुझकर मानते नही।। जो नहीं मानते हैं वो कभी सुख की नींद सोता नहीं।।जो मानते हुए वास्तु को सुधार लेते हैं उनके यहां कोई रोग होता नहीं।।
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