सुप्रीम कोर्ट ने अजन्मे बच्चों की तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाया
विबांशु गोयल एडवोकेट
बरनाला, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार यदि किसी भी राज्य के अस्पताल से नवजात शिशु चोरी होता है तो उस अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए। हमारे देश में नवजात शिशुओं की तस्करी का चलन बहुत बढ़ गया है। हर दिन हम नवजात शिशुओं के अपहरण के मामलों के बारे में सुनते हैं। इसीलिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने बाल तस्करी को रोकने तथा नवजात शिशुओं से संबंधित मामलों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकारों को आदेश जारी किए हैं कि यदि किसी भी अस्पताल से कोई नवजात या शिशु चोरी होता है तो उस अस्पताल का लाइसेंस तुरंत रद्द किया जाए तथा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अदालत ने आगे चेतावनी दी कि इस मामले में किसी की ओर से किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बल्कि, इस लापरवाही को अदालती आदेशों का उल्लंघन माना जाएगा। देश भर में विभिन्न अदालतों और उच्च न्यायालयों में बाल तस्करी के मामले लंबित हैं,जो एक गंभीर मामला है ।इस पर विचार करना बहुत महत्वपूर्ण है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायालयों में 6 माह से अधिक समय से लंबित बाल तस्करी के मामलों की जानकारी उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है तथा साथ ही आदेश जारी करते हुए कहा कि ऐसे मामलों की दिन-प्रतिदिन सुनवाई की जाए तथा उनका शीघ्रता से निपटारा किया जाए। बरनाला में भी पिछले दिनों एक बच्चे का अपहरण किया गया था जो के अनाज मंडी में झुग्गियों में रहने वाले एक परिवार से था। पर बरनाला पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए बच्चे को बरामद कर डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू ने एक विशाल समारोह में अभिभावकों को सौंप दिया। इस मामले में एक आशा कार्यकर्ता समेत गिरोह के 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पता चला है कि इस बच्चे को पहले एक निःसंतान परिवार ने गोद लिया था। इसे ऊंचे दाम पर बेचा जाना था। क्योंकि अधिकांश नवविवाहित जोड़ों में जहां बच्चों की कमी के कारण अदालतों में तलाक के मामले बढ़े है वहीं पर लोगों में आईवीएफ तकनीक अपनाने में वृद्धि हुई है ।आई वी एफ में कभी कभी सफलता नहीं मिलती इसलिए लोगों में बच्चे गोद लेने का भी चलन है। जहां ऐसे परिवारों को गोद लेने के लिए बच्चे नहीं मिल रहे हैं,इस कारण से बाल तस्करी का कारोबार शुरू होता है।बाल तस्करी जैसी अमानवीय घटनाओं को रोकने के लिए हमें आगे आना होगा ।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें